Home स्टोरी Year Ender 2024 : श्याम देव राय चौधरी ‘दादा’ का निधन से साईं प्रतिमा विवाद तक, काशी की इन घटनाओं ने खींचा देशभर का ध्यान

Year Ender 2024 : श्याम देव राय चौधरी ‘दादा’ का निधन से साईं प्रतिमा विवाद तक, काशी की इन घटनाओं ने खींचा देशभर का ध्यान

by Ankita Yadav
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वाराणसी। साल 2024 वाराणसी के लिए घटनाओं और विवादों से भरा रहा। इस वर्ष काशी ने कई चर्चित मुद्दों का सामना किया और साथ ही कई प्रसिद्ध हस्तियों को खोने का गम भी सहा। इस दौरान ऐसी घटनाएं घटीं, जिनकी गूंज पूरे देश में सुनाई दी। चाहे वह साईं प्रतिमा को हटाने का विवाद हो या सावन पूर्णिमा पर श्री काशी विश्वनाथ मंदिर से जुड़ी 358 साल पुरानी परंपरा का टूटना। आइए, नजर डालते हैं इस साल काशी में घटी बड़ी घटनाओं पर।

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इन दिग्गज हस्तियों का हुआ निधन

भाजपा के वरिष्ठ नेता, पूर्व मंत्री और सात बार विधायक रहे श्याम देव राय चौधरी ‘दादा’ का 26 नवंबर को लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। उनके निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव सहित कई अन्य राज्यपालों और मंत्रियों ने गहरा शोक व्यक्त किया।

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दादा ने वाराणसी के शहर दक्षिणी विधानसभा क्षेत्र से 1989 से 2017 तक लगातार विधायक के रूप में सेवा दी। वहीं, काशी ने श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के पूर्व महंत कुलपति तिवारी को भी खो दिया, जिनका 26 जून को लंबी बीमारी के चलते निधन हो गया। इसके अलावा, 22 जून को राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा में 121 वैदिक ब्राह्मणों का नेतृत्व करने वाले काशी के मुख्य पुजारी पंडित लक्ष्मीकांत दीक्षित का भी देहांत हो गया।

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साईं प्रतिमा विवाद ने बटोरी सुर्खियां

काशी के मंदिरों में साईं प्रतिमा हटाने का मुद्दा पूरे देश में चर्चा का विषय बन गया। वाराणसी के 42 से अधिक मंदिरों से साईं की प्रतिमाएं हटाई गईं। सनातन रक्षक दल के प्रदेश अध्यक्ष को इस मामले में गिरफ्तार कर जेल भेजा गया। विवाद की शुरुआत तब हुई जब रातों-रात बड़ा गणेश मंदिर और पुरुषोत्तम मंदिर से साईं की प्रतिमा हटा दी गई। इसके बाद साईं भक्तों ने काशी में व्यापक विरोध प्रदर्शन किया।

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काशी विश्वनाथ धाम में चप्पल विवाद

मणिकर्णिका घाट पर मसान की होली के बाद युवाओं की टोली ने काशी विश्वनाथ धाम में चप्पल मार होली खेली। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद देशभर में इसकी कड़ी आलोचना हुई। मंदिर प्रशासन ने जांच के आदेश दिए और धाम में प्रवेश के नियम सख्त कर दिए।

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दीपावली पर शास्त्रार्थ की चुनौती

दीपावली के मौके पर तिथि विवाद के चलते काशी विद्वत परिषद ने राम मंदिर के मुहूर्त का दावा करने वाले गणेश्वर शास्त्री द्रविड़ को शास्त्रार्थ की चुनौती दी। हालांकि, गणेश्वर शास्त्री शास्त्रार्थ में शामिल नहीं हुए।

358 साल पुरानी परंपरा टूटी

धर्म और परंपराओं के शहर बनारस में सावन पूर्णिमा के अवसर पर 358 साल पुरानी परंपरा टूट गई। श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के महंत आवास से निकलने वाली पंचबदन चल रजत प्रतिमा की यात्रा को रोक दिया गया। इस पर महंत आवास में दिव्यांग मोहिनी देवी ने अनशन शुरू कर दिया। मंदिर प्रशासन ने बताया कि सभी परंपराएं निभाई गई थीं, लेकिन एक पक्ष ने पालकी यात्रा में भाग नहीं लिया।

यूपी कॅालेज विवाद

यूपी कॉलेज को छह साल पुरानी वक्फ बोर्ड की नोटिस मिलने के बाद विवाद ने जोर पकड़ लिया। छात्रों ने परिसर में मजार के सामने हनुमान चालीसा का पाठ करने और बाहरी व्यक्तियों के प्रवेश पर रोक लगाने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया। हालात काबू में रखने के लिए पुलिस को परिसर में बाहरी लोगों की एंट्री पर प्रतिबंध लगाना पड़ा।

माफिया मुख्तार अंसारी की हार्ट अटैक से मौत के बाद वाराणसी सहित पूरे पूर्वांचल में सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए। जुमे की नमाज के दौरान शहर की मस्जिदों में भारी पुलिस बल तैनात किया गया। इस घटना को माफियाराज के खात्मे के रूप में देखा गया।

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