वाराणसी, भदैनी मिरर। युवाओं में अपनी कविता को लेकर काफी लोकप्रिय फिल्म अभिनेता आशुतोष राणा शुक्रवार को वाराणसी आए. वह परिवार संग श्री काशी विश्वनाथ और बाबा कालभैरव का दर्शन-पूजन किया. श्री काशी विश्वनाथ धाम पहुंचते ही श्रद्धालुओं में साथ सेल्फी लेने की होड मच गई. इस दौरान वह ज्यादातर लोगों से मिलते जुलते रहे.
मीडिया से बातचीत में आशुतोष राणा ने कहा कि महादेव से हम मांगने नहीं, हम उनका आभार व्यक्त करने आए है. उन्होंने बहुत दिया है, हमारी अपेक्षाओं से अधिक दिया है. हमारी प्रार्थना है कि जो जीवन बचा है उसमें उनकी कृपा का हमसे कभी दुरुपयोग न हो, हमसे कोई गलती न हो. वह दोनों हाथों से कृपा करते है.
प्रयागराज में आयोजित होने वाले महाकुंभ की तैयारियों के प्रश्न पर कहा कि महाकुंभ का उद्भव अमृत के प्रयास के लिए हुआ. अमृत के लिए देव और दानवों ने मिलकर सामूहिक प्रयास किया था. जब भी अमृत के लिए प्रयास किया जाता है तो सबसे पहले हलाहल (विष) निकलता है. हलाहल को साधने के लिए हमें देवाधिदेव महादेव की अभ्यर्थना-पूजा- प्रार्थना करनी पड़ती है. जब महादेव हलाहल को अपने कंठ में धारण कर लेते है उसके बाद आने वाली व्यवस्था के तौर पर चाहे कल्पवृक्ष हो, ऐरावत हाथी हो, अश्व हो, लक्ष्मी जी हो, अश्वनी कुमार हो या धन्वंतरि जी हो उसके बाद अमृत कलश की व्यवस्था होती है.
हमारी यही प्रार्थना है कि हम और आप सभी अपने जीवन में महादेव को साधने के लिए अपने कंठ में महादेव को रख लें तो जीवन में जितने भी हलाहल है, कंटक है सभी नष्ट हो जाएंगे.