वाराणसी, भदैनी मिरर। वाराणसी के प्राचीन श्री संकटमोचन मंदिर में गोलोकवासी प्रख्यात शास्त्रीय संगीत साधक पं जसराज के शिष्य अमेरिका से पधारे पं सुमन घोष ने गायन से की श्री हनुमत प्रभु की आराधना की. श्री संकटमोचन मंदिर के मंच से पं सुमन घोष ने मां दुर्गा, श्री हनुमत प्रभु के चरणों में अपनी उम्दा गायकी को समर्पित किया. इस अवसर पर संकटमोचन मंदिर के महंत प्रो विश्वभरनाथ मिश्र ने अतिथि कलाकार पं सुमन घोष का प्रसाद भेंटकर स्वागत किया.
इस अवसर पर शास्त्रीय गायक पं सुमन घोष ने कहा कि भारतीय शास्त्रीय संगीत महज संगीत नहीं यह ईश्वर को भजने का एक माध्यम है. पश्चिमी देशों के लोग भारतीय शास्त्रीय संगीत के दिवाने है. यही कारण है कि अमेरिका जैसे बड़े देश में लोगों में शास्त्रीय संगीत सीखने की ललक तेजी से बढ़ी है. उन्होंने अमेरिका में जन्में और पले-बढ़े लोगों में भारतीय शास्त्रीय संगीत को सीखने की चाहत है.
उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि पहले अमेरिका के किसी हॉल में भारतीय शास्त्रीय संगीत को सुनने के लिए 50 श्रोता आ जाते थे तो मजबूत उपस्थिति मानी जाती थी लेकिन अब तो अमेरिका में किसी भारतीय शास्त्रीय संगीत का कार्यक्रम हो तो हॉल के टिकट पहले ही बुक रहते है. कहा कि वहां की युवा पीढ़ी भी अब गुरु-शिष्य परंपरा से जुड़ रही है.