Home मनोरंजन New Year 2025 : खुशियों का पैगाम लेकर आया करते थे वो ग्रीटिंग कार्ड्स, सोशल मीडिया ने गुम कर दिए वो मुहब्बत भरे दिन

New Year 2025 : खुशियों का पैगाम लेकर आया करते थे वो ग्रीटिंग कार्ड्स, सोशल मीडिया ने गुम कर दिए वो मुहब्बत भरे दिन

रिपोर्ट- तनीषा श्रीवास्तव

by Bhadaini Mirror
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डिजिटलीकरण (Digitalization) हो रहे युग में कई ऐसी भावनात्मक चीजे है जो लुप्त होती जा रही है. तेजी से बदलते युग में भले ही हम आयोजनों, पर्व-त्योहारों को सेलिब्रेट रहे है जिसमें ग्रीटिंग कार्ड (Greeting Cards) के युग का भी अंत होता जा रहा है. बदलते वक्त के साथ ग्रीटिंग्स कार्ड्स के जरिए संदेश पहुंचाने और अपने जज्बातों का एहसास दिलाने की बात अब पुरानी सी हो गई है. अब इस इंटरनेट के जमाने में कुछ सेकंड्स में ही वीडियो कॉलिंग, ऑनलाइन चैटिंग, सोशल नेटवर्किंग के माध्यम से एक दूसरे को संदेश पहुंचाया जाता है. एक वक्त था जब लोगों को नए साल की आहट होने के साथ ही ग्रीटिंग कार्ड का इंतेज़ार रहता था. हर कोई विभिन्न प्रकार की शायरी, कविता और संदेशों से भरे कार्ड्स का इंतेज़ार करा करते थे. लेकिन इंटरनेट के जमाने में बीते कुछ वर्षों से ग्रीटिंग कार्डों ने अपना अस्तित्व खो दिया है.

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ये कोई पुरानी बात नहीं थी जब रंग बिरंगे कार्ड पर कई सारी कविताएं, शायरियां और संदेश लिख कर भेजा करते थे लेकिन अब लगता है कितने वर्षों पुरानी बात है ये. वह एक दौर था जब नए साल की शुभकामना ग्रीटिंग कार्ड के बिना अधूरी लगती थी, कई दिनों पहले से ही बाजारों में कार्ड्स की बिक्री शुरू हो जाती थी और लोग हाथ से भी कार्ड बनाया करते थे यहां तक कि लोग डाक से शुभकामना लिख कर कार्ड भेजते थे, अब तो एक दो दुकान पर ही ग्रीटिंग कार्ड मुश्किल से देखने को मिलते हैं, ग्रीटिंग कार्ड 10– 20 रुपए से लेकर 100 रुपए तक के मिला करते थे लेकिन अब सोशल मीडिया और स्मार्ट फोन ने इस प्रचलन को खत्म कर दिया है. अब कुछ ही मिनटों में e card बनाकर आप लोगों को नए साल की शुभकामना दे सकते हैं.

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पहले बच्चों के लिए स्कूलों में ग्रीटिंग कार्ड बनाने का कॉम्पिटिशन हुआ करता था, जिससे वे नए चीजों को सीखते थे और उनका दिमाग भी तेज होता था और साथ ही उनकी लिखने की शैली भी अच्छी होती थी लेकिन आज के इस दौर में बच्चे दिन भर स्मार्ट फोन और सोशल मीडिया में ही रहते हैं जिसके कारण वे न बाहर जाते हैं न ही किसी से मिलते जुलते हैं जिससे वे नई चीजों को सीख नहीं पा रहे.

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इस आधुनिकता के युग में सबसे ज्यादा गिरावट ग्रीटिंग कार्ड के बाजार पर आई है, सोशल मीडिया ने कार्ड की बिक्री पर सबसे अधिक प्रभाव डाला है, वॉट्सएप ने एक से बढ़ कर एक आकर्षक तरीके से मैसेज भेजना और शुभकामना देना आसान कर दिया है जिसमें मेहनत भी कुछ नहीं है बस मैसेज फॉरवर्ड करना है, और इसमें वीडियो भी हैं जो कि लोगों को बेहद ही पसंद आ रहे हैं, इसमें कुछ सोचने की भी जरूरत नहीं पड़ती है.

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पहले नए साल पर सार्वजनिक स्थलों पर भी लोग अपने परिवार के साथ जाया करते थे लेकिन अब लोग सोशल मीडिया और स्मार्ट फोन से ही शुभकामनाएं दे दिया करते हैं और आज के युवा क्लब में दोस्तों संग पार्टी करके नया साल मना रहे हैं, स्मार्ट फोन ने लोगों को तकनीकी रूप से तो करीब कर दिया है लेकिन ऐसे वे एक दूसरे से बेहद ही दूर हो गए हैं.

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