Home वाराणसी खादी ग्रामोद्योग प्रदर्शनी-2024: स्वदेशी उत्पादों की जमकर हो रही खरीदारी, अब तक 1 करोड़ 90 लाख रुपये पहुंची बिक्री

खादी ग्रामोद्योग प्रदर्शनी-2024: स्वदेशी उत्पादों की जमकर हो रही खरीदारी, अब तक 1 करोड़ 90 लाख रुपये पहुंची बिक्री

by Ankita Yadav
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वाराणसी। उ.प्र. खादी और ग्रामोद्योग बोर्ड वाराणसी द्वारा आयोजित खादी ग्रामोद्योग प्रदर्शनी-2024 का आयोजन अर्बन हॉट प्रांगण, चौकाघाट वाराणसी में 27 दिसंबर 2024 से 10 जनवरी 2025 तक किया जा रहा है। प्रदर्शनी में विभिन्न खादी और ग्रामोद्योगी उत्पादों की भारी बिक्री हो रही है।

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रविवार को प्रदर्शनी में कुल बिक्री 1 करोड़ 90 लाख रुपये रही। प्रदर्शनी में मॉ मुण्डेश्वरी म्यूजिक वाराणसी की गायिका गरिमा मिश्रा द्वारा भजन प्रस्तुत किया गया, जिसने माहौल को भक्ति संगीत से मंत्रमुग्ध कर दिया। खादी वस्त्रों और ग्रामोद्योगी उत्पादों की जमकर खरीदारी हो रही है, और उपभोक्ताओं को खादी पर 30 प्रतिशत की छूट का लाभ भी मिल रहा है।

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प्रदर्शनी का मुख्य उद्देश्य प्रदेश के दूरदराज के क्षेत्रों के कामगारों द्वारा उत्पादित खादी और ग्रामोद्योग सामग्री की बिक्री बढ़ाना है, ताकि उनकी आजीविका में सुधार हो सके और महात्मा गांधी जी का सपना साकार हो सके।

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इस प्रदर्शनी में कुल 113 स्टॉल लगाए गए हैं, जिनमें 25 स्टॉल खादी उद्योग और 88 स्टॉल ग्रामोद्योगी उत्पादों के हैं। प्रदर्शनी में खादी के आधुनिक वस्त्र, कटिया, मूंगा, सूती वस्त्र, कुर्ता, पैजामा, शर्ट, गमछा, धोती, रूमाल, लूंगी, रजाई, गद्दे, डिज़ाइनर साड़ियां, बनारसी साड़ियां, कश्मीरी शॉल, स्वेटर, जैकेट, उत्तराखंड की ऊनी जैकेट, सहारनपुर के बने कम्बल, नक्काशीदार सोफा, बेड, दिवान झूला और लकड़ी के बने आधुनिक सामान उपलब्ध हैं।

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इसके अलावा, प्रतापगढ़ और वाराणसी के ऑवला से निर्मित खाद्य सामग्री जैसे लड्डू, बर्फी, कैंडी, सिरका, आम का अचार, नीबू का अचार, लहसून का अचार, अदरक अचार, कानपुर के चमड़े के सामान जैसे जूते, चप्पल, बेल्ट, पर्स, आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों से बनी दवाइयां, चंदन, चंदन फेस पैक, रुद्राक्ष, अंगूठी और दर्दनाशक तेल भी प्रदर्शनी में उपलब्ध हैं।

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प्रदर्शनी का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण उद्यमियों को बाजार उपलब्ध कराना और उनके विपणन में सहायता प्रदान करना है, ताकि वे अपनी बिक्री को प्रोत्साहित कर सकें। प्रदर्शनी में आने वाले सभी लोगों से अनुरोध है कि वे स्वदेशी सामान खरीदकर अपने देश को मजबूत बनाने में योगदान दें।

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