वाराणसी। जनपद में औद्योगिक संस्थाओं द्वारा अनुदानित यूरिया के प्रयोग पर कड़ी नजर रखी जा रही है। प्रमुख सचिव, कृषि विभाग, उत्तर प्रदेश शासन के निर्देश पर जिला प्रशासन ने औद्योगिक इकाइयों में छापेमारी की और जांच के दौरान अनुदानित यूरिया का इस्तेमाल न करने की चेतावनी दी।
मुख्य विकास अधिकारी हिमांशु नागपाल के मार्गदर्शन में सोमवार को उर्वरक निरीक्षक और उद्योग विभाग के अधिकारियों की संयुक्त टीम द्वारा छापेमारी की गई। इस दौरान कैटल फीड, कुक्कुट फीड, साबून, पेंट, बार्निस, मुद्रण स्याही, लिबास चादरें, प्लाईवुड, लेमिन बार्ड और पार्टीकल बोर्ड जैसी औद्योगिक इकाइयों में गहन निरीक्षण किया गया।
टीम ने 6 औद्योगिक इकाइयों के गोदामों का निरीक्षण किया और 4 नमूने टेक्निकल ग्रेड यूरिया के लिए संग्रहित किए। हालांकि, किसी भी इकाई में अनुदानित यूरिया का प्रयोग नहीं पाया गया।
मुख्य विकास अधिकारी ने स्पष्ट किया कि जिन औद्योगिक संस्थाओं में यूरिया का उपयोग होता है, उन्हें अनुदानित यूरिया के उपयोग से बचने के निर्देश दिए गए हैं। यदि जांच में यह पाया जाता है कि अनुदानित यूरिया का उपयोग किया जा रहा है, तो संबंधित फर्मों के खिलाफ उर्वरक नियंत्रण आदेश, 1985 के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने यह भी कहा कि अवैध रूप से उर्वरक की कालाबाजारी करने वालों के खिलाफ यह अभियान निरंतर जारी रहेगा और वर्तमान में जनपद में उर्वरकों की कोई कमी नहीं है।