प्रयागराज: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को अपने पूरे मंत्रिमंडल के साथ तीर्थराज प्रयागराज स्थित त्रिवेणी संगम में पवित्र डुबकी लगाई। यह आयोजन महाकुंभ 2025 की तैयारियों का हिस्सा था, जिसमें उन्होंने समूचे विश्व के कल्याण की कामना की। मुख्यमंत्री ने संगम स्नान को भारतीय संस्कृति और सनातन धर्म का प्रतीक बताते हुए कहा कि यह आत्मिक शांति, धार्मिक समर्पण और समाज कल्याण का संदेश देता है।
महाकुंभ में उमड़ा श्रद्धा का सैलाब
त्रिवेणी संगम, जहां गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती का संगम होता है, को मोक्ष और आत्मशुद्धि का केंद्र माना जाता है। मुख्यमंत्री और उनके मंत्रिमंडल ने संगम स्नान से पहले अरैल स्थित त्रिवेणी संकुल में पूजा-अर्चना की। इसके बाद मंत्रोच्चार और हवन के साथ स्नान किया। इस अवसर पर दोनों उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक सहित 21 मंत्रियों ने भाग लिया।
कैबिनेट की बैठक भी आयोजित
संगम स्नान के बाद योगी सरकार ने महाकुंभ की तैयारियों को लेकर कैबिनेट बैठक का आयोजन किया। यह बैठक अरैल के त्रिवेणी संकुल में हुई, ताकि संगम में स्नान करने वाले श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो। इस बैठक में 54 मंत्रियों ने भाग लिया और महाकुंभ से जुड़े प्रबंधन, सुविधाओं और सुरक्षा व्यवस्था पर चर्चा की गई।
महाकुंभ का वैश्विक संदेश
महाकुंभ 2025 में देश-विदेश से करोड़ों श्रद्धालु आने की उम्मीद है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह आयोजन सनातन धर्म की दिव्यता और सार्वभौमिकता का प्रतीक है। संगम स्नान केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि आत्मशुद्धि, लोक कल्याण और विश्व शांति का आह्वान है।
दूसरी बार मंत्रिमंडल का संगम स्नान
यह दूसरा अवसर है जब योगी सरकार ने सामूहिक रूप से संगम स्नान किया है। इससे पहले 2019 के कुंभ में भी मुख्यमंत्री और उनके मंत्रिमंडल ने संगम स्नान किया था। उस दौरान अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरि और साधु-संतों ने भी इसमें भाग लिया था।
योगी सरकार के इस सामूहिक स्नान और बैठक ने एक बार फिर धर्म, आस्था और समाज कल्याण का संदेश देते हुए महाकुंभ की तैयारियों को वैश्विक स्तर पर पहुंचाने का प्रयास किया है।