वाराणसी,भदैनी मिरर। चाइनीज मांझे के कारण हो रही लगातार मौतों और दुर्घटनाओं को रोकने के लिए राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) के समक्ष एक याचिका दायर की गई है। याचिका में चाइनीज और नायलॉन मांझे की खरीद, बिक्री, भंडारण, और उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की मांग की गई है।
याचिकाकर्ता ने एनजीटी से अपील की है कि हर जिले में विशेष टास्क फोर्स (एसटीएफ) का गठन किया जाए, जो चाइनीज मांझे की बिक्री और उपयोग पर निगरानी रखे। इसके साथ ही, उच्च स्तरीय कमेटी का गठन करने की भी सिफारिश की गई है, जो इस पर प्रभावी कार्रवाई सुनिश्चित करे।
इंसानों, पशुओं और पक्षियों पर बढ़ता खतरा
याचिका में उल्लेख किया गया है कि चाइनीज मांझे का उपयोग केवल मनुष्यों के लिए ही नहीं, बल्कि पक्षियों और जानवरों के लिए भी जानलेवा साबित हो रहा है। मांझे के तेज धागों से कटकर पक्षी और जानवर बुरी तरह घायल हो रहे हैं और कई बार उनकी मौत हो जाती है। यह जानलेवा मांझा पर्यावरण के लिए भी हानिकारक है, क्योंकि यह जैव-अवक्रमण (बायोडिग्रेडेबल) नहीं है।
पतंगबाजी के लिए सुरक्षित विकल्प की मांग
याचिकाकर्ता ने एनजीटी से यह भी अनुरोध किया है कि पतंग उड़ाने के लिए केवल पर्यावरण-अनुकूल और जैव-अवक्रमणशील (बायोडिग्रेडेबल) मांझे के उपयोग को बढ़ावा दिया जाए। इसके अलावा, सिंथेटिक और नायलॉन से बने मांझे पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाया जाए।
एनजीटी का रुख अहम
याचिका में जोर दिया गया है कि प्रभावी प्रतिबंध और निगरानी की कमी के कारण चाइनीज मांझे का उपयोग बढ़ता जा रहा है। इस पर सख्ती से रोक लगाने के लिए एनजीटी का प्रभावी हस्तक्षेप जरूरी है।
यह याचिका ऐसे समय में आई है जब देशभर में चाइनीज मांझे के कारण जान-माल का भारी नुकसान हो रहा है। उम्मीद की जा रही है कि एनजीटी जल्द ही इस गंभीर मुद्दे पर कोई ठोस कदम उठाएगा।