Home अपराध मां मुझे माफ करना….वाराणसी में रहकर IAS की तैयारी कर रहे मऊ के युवक ने की आत्महत्या, छोड़ा सुसाइड नोट

मां मुझे माफ करना….वाराणसी में रहकर IAS की तैयारी कर रहे मऊ के युवक ने की आत्महत्या, छोड़ा सुसाइड नोट

by Ankita Yadav
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वाराणसी, भदैनी मिरर। चन्दुआ छित्तुपूर (सिगरा) में किराए का कमरा लेकर प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने वाले 27 वर्षीय युवक ने बुधवार को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। सूचना पर पहुंची पुलिस ने परिजनों को सूचना देने के साथ ही शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। मृतक ने मंगलवार रात अपनी मां से बात की थी और अगले दिन ये आत्मघाती कदम उठा लिया।

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मऊ निवासी प्रेम शर्मा (28) ने सुसाइड नोट भी छोड़ा है, जिसमें लिखा, “मां, मुझे माफ करना, मैं आपके सपने को पूरा नहीं कर पाया। “आपने मुझे पढ़ाया और सभी सुविधाएं दी, लेकिन आज तक मैं किसी भी एग्जाम में क्वालीफाई नहीं हो सका। अब मुझसे आगे नहीं होगा, मैं किसी को परेशान नहीं करना चाहता। इसलिए मैं जा रहा हूं।”

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मां संग आखिरी बातचीत

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मंगलवार रात प्रेम ने अपनी मां से बात की थी और कहा था, “मैं ठीक हूं। आज नहीं तो कल मैं एग्जाम पास कर ही लूंगा, ताकि परिवार का नाम रोशन कर सकूं।” हालांकि, इसके बाद उसने अपने कमरे में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।

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कमरे में मिला सुसाइड नोट

जानकारी के अनुसार होरो की मठ्ठीया (रतनपुरा) मऊ निवासी वशिष्ठ शर्मा के पुत्र प्रेमचंद पिछले 5 सालों से चन्दुआ छित्तुपूर में देवेंद्र सिंह के मकान में किराए पर रहकर प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहा था. मकान मालिक ने बताया कि बुधवार सुबह देर तक जब दरवाजा नहीं खुला तो खिड़की से झांककर देखा गया, तो पता चला कि तो युवक गमछा के सहारे पंखे से लटक रहा था. जिसके बाद पुलिस को सूचित किया गया। सूचना पाकर पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव को कब्जे में लिया और सुसाइड नोट बरामद किया।

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सुसाइड की वजह

मकान मालिक देवेंद्र सिंह ने बताया कि उम्मीद है पढ़ाई के डिप्रेशन में ही प्रेमचंद्र ने फांसी लगाई होगी. इनका परिवार भी बीच-बीच में मिलने आता था, इनके दोस्त भी आते-जाते रहे है।

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प्रेम शर्मा के परिवार में तीन भाई और दो बहनें थीं, और वह सबसे छोटा था। वह पिछले दो सालों से लगातार असफलता का सामना कर रहा था, जिससे वह मानसिक तनाव में था। परिवार के सदस्य और दोस्त बताते हैं कि वह ज्यादातर समय कमरे में ही रहता था और किसी से अधिक बातचीत नहीं करता था।

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