वाराणसी, भदैनी मिरर। चिकित्सा विज्ञान के इतिहास सोसाइटी का आईएमएस के आईएलटी सभाकक्ष में 20 दिसंबर को कार्यक्रम आयोजित हुआ. कार्यक्रम में आईएमएस के प्रोफेसर, सहायक प्रोफेसर, डॉक्टर और छात्र उपस्थित हुए. कार्यक्रम की अध्यक्षता आईएमएस के निदेशक प्रोफेसर एस.एन. शंखवार ने किया. कार्यक्रम का संचालन न्यूरोलॉजी विभाग के वरिष्ठ प्रोफेसर विजयनाथ मिश्र ने किया.
चिकित्सा विज्ञान के इतिहास की चर्चा जरूरी
कार्यक्रम का उद्घाटन देश के जाने-माने किडनी ट्रांसप्लांट सर्जन और रोबोटिक सर्जरी के प्रणेता पद्मश्री प्रोफेसर महेंद्र भंडारी ने ऑनलाइन किया. प्रोफेसर महेंद्र भंडारी को सुनने के लिए सभाकक्ष में बैठे सभी प्रोफेसर और छात्र उत्सुक दिखे. उन्होंने अपने उद्घाटन भाषण में भारत में किडनी ट्रांसप्लांट के इतिहास के बारे में बताया. उन्होंने एसजीपीजीआई लखनऊ में किए गए प्रथम किडनी ट्रांसप्लांट में आई दिक्कतों पर प्रकाश डाला. उन्होंने चिकित्सकीय क्षेत्र में हो रहे नित नए शोध को पढ़ने पर जोर दिया. उन्होंने चिकित्सा विज्ञान के इतिहास पर चर्चा को आवश्यक बताया. उन्होंने कहा कि चिकित्सा विज्ञान के इतिहास की जब हम चर्चा करते है तो न केवल हम अपने वरिष्ठ चिकित्सकों के योगदान याद करते है, बल्कि हम जिस संस्थान में है उनके भी गौरवपूर्ण इतिहास को हम जान जाते है. आने वाले मेडिकल के छात्रों को इतिहास जानना बेहद ही जरूरी है. मॉडर्न मेडिसिन के संकाय प्रमुख प्रो अशोक कुमार ने स्थेटोस्कोप के आविष्कार एवं विकास के बारे में रोचक व्याख्यान दिया.
कार्यक्रम का संचालन करते हुए प्रोफेसर विजयनाथ मिश्र ने कहा कि यह बेहद ही सुखद क्षण है, जब हम आईएमएस के मॉडर्न मेडिसिन के सभी डिपार्टमेंट के फैकल्टी मेंबर एक साथ बैठे है और चिकित्सा विज्ञान के इतिहास पर चर्चा कर रहे है. उन्होंने कहा कि इस सोसाइटी का लक्ष्य चिकित्सा विज्ञान में विभिन्न अविष्कार, इनकी कठिनाइयों और उनके इतिहास को जानना है.
प्रश्नोत्तरी का हुआ सत्र
कार्यक्रम के अंत में प्रश्नोत्तरी का सत्र भी रखा गया. प्रोफेसर विजयनाथ मिश्र ने यह सत्र चिकित्सा विज्ञान के इतिहास पर था. ऐसे सत्रों से बच्चों में सीखने और पढ़ने का उत्साह बढ़ता है. इस सत्र में उपस्थित सभी छात्रों ने भाग लिया. जिसमें एमबीबीएस के दो छात्रों आयांशी और सौरभ यादव को क्विज में सबसे ज़्यादा नंबर लाने के लिए आईएमएस निदेशक प्रोफेसर एस. एन. शंखवार ने सम्मानित किया.
कौन है पद्मश्री महेंद्र भंडारी
देश के जाने-माने यूरोलॉजी और रोबोट सर्जरी के चिकित्सक डॉक्टर महेंद्र भंडारी 24 दिसंबर वर्ष 1945 में राजस्थान के जोधपुर में जन्मे है. चिकित्सा क्षेत्र में उनके योगदान के लिए उन्हें वर्ष 2000 के पद्मश्री से सम्मानित किया गया. वर्तमान समय में अमेरिका में रह रहे डॉ.महेंद्र भण्डारी मूत्रविज्ञान, चिकित्सा प्रशिक्षण, अस्पताल प्रशासन, रोबोटिक सर्जरी और चिकित्सा नैतिकता की विशेषता में महत्वपूर्ण योगदान दिया है. श्री भण्डारी वर्तमान में डेट्रायट, एमआई में वॉटिकुटी यूरोलॉजी इंस्टीट्यूट में वरिष्ठ जैव-वैज्ञानिक और रोबोटिक सर्जरी अनुसंधान एवं शिक्षा निदेशक हैं. वे अंतर्राष्ट्रीय रोबोटिक यूरोलॉजी संगोष्ठी के संगोष्ठी समन्वयक रह चुके हैं. इसी के साथ वे 2010 से वट्टिकुट्टी फाउंडेशन के सीईओ भी हैं.
कार्यक्रम में प्रोफेसर समीर त्रिवेदी, प्रोफेसर एस.एस. चक्रवर्ती, प्रोफेसर अशोक कुमार, प्रो गोपाल नाथ, प्रोफेसर चंचल, प्रोफेसर दीपक गौतम सहित कई शिक्षक और छात्र मौजूद रहे.