हाथरस। हादसे के लिए सिकंदराराव स्थित ट्रामा सेंटर तैयार ही नहीं था। यहां डॉक्टर, स्टाफ और ऑक्सीजन तक नहीं थी। कराहते हुए घायल पहुंचाते रहो और उपचार न मिलने से दम तोड़ते रहे।
ट्रॉमा सेंटर पर करीब 2:45 पर शवों और घायलों को लाना शुरू हुआ। हालात ऐसे थे कि ना मौके पर डॉक्टर थे, ना ही पैरामेडिकल स्टाफ मौजूद थे। यहां तक कि अस्पताल में बिजली तक नहीं थी। बदहवास हालत में पहुंचे घायलों को ऑक्सीजन की जरूरत थी लेकिन वह भी नहीं मिली। बिजली न होने के कारण कमरों में पंखे बंद पड़े थे, वार्ड में अंधेरा छाया था।
एंबुलेंस से आए घायलों को ऑक्सीजन के लिए सत्संग स्थल से साथ में आए परिजन व अन्य लोग अंदर कमरे तक लेकर पहुंचे लेकिन यहां तत्काल इलाज न मिलने के कारण कई घायलों ने दम तोड़ दिया।
बताया जा रहा है कि ट्रॉमा सेंटर और सीएचसी पर जनरेटर है लेकिन जब उसे चलाने की बात आई, तो पता चला कि उसमें तेल ही नहीं है। देर शाम तक स्वास्थ्य विभाग व प्रशासनिक अमला जनरेटर के लिए तेल तक इंतजाम नहीं कर सका और पूरे परिसर में अंधेरा छाया रहा। इस दौरान बेपटरी हुई स्वास्थ्य व्यवस्था से कई घायलों ने दम तोड़ दिया।
घटना की सूचना पर डीएम आशीष कुमार मौके पर पहुंच गए लेकिन हाथरस से मेडिकल स्टॉफ मौके पर नहीं पहुंच पाए। डीएम ने मौके पर पहुंचकर स्थिति देखी, तो नाराजगी जताई। सीएमओ से बात की, तो उन्होंने बताया कि डॉक्टर निकल चुके हैं। करीब 2 घंटे तक डॉक्टर और स्टाफ मौके पर नहीं पहुंच सके। हालात यह थे कि घायलों को इलाज के लिए दूसरे अस्पतालों में रेफर करना शुरू कर दिया गया।