वाराणसी। सपने अक्सर बंद आंखों में देखे जाते हैं, लेकिन कुछ सपने ऐसे भी होते हैं जिन्हें आंखें खुली रखते हुए देखना चाहती हैं। ये सपने विशेष होते हैं, जिनमें मेहनत, समर्पण, और संघर्ष की झलक होती है। ऐसे ही सपनों की चमक उज्जवल भविष्य की दिशा दिखाती है। काशी हिंदू विश्वविद्यालय के 104वें दीक्षांत समारोह में यह चमक उन होनहार विद्यार्थियों की आंखों में दिखाई दी, जिन्हें मेडल देकर सम्मानित किया गया। जैसे ही इन विद्यार्थियों के गले में मेडल डाला गया, मेडल की चमक उनकी आंखों में साफ दिख रही थी।
ये सिर्फ़ पदक नहीं थे, बल्कि उन अनगिनत प्रयासों और संघर्षों का प्रतीक थे जो उन्होंने अपनी सफलता के लिए किए थे। वहाँ उपस्थित उनके परिवारजन और शिक्षक भी इस गौरवमयी क्षण का हिस्सा बनकर गर्व महसूस कर रहे थे। विद्यार्थियों की आँखों में न केवल जीत का उत्साह था, बल्कि भविष्य की चुनौतियों का सामना करने का साहस भी था। दीक्षांत समारोह में 30 उत्कृष्ट छात्रों को गोल्ड मेडल और उपाधि से सम्मानित किया गया। समारोह में प्रज्ञा प्रधान (यूजी) और ईशान घोष (पीजी) को चांसलर मेडल प्रदान किया गया। इसके साथ ही, अगले तीन दिनों में 544 मेडल और 14,000 से अधिक विद्यार्थियों को उपाधियां प्रदान की जाएंगी।
जय चौधरी ने साझा किए प्रेरणादायक अनुभव
इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि और BHU के पूर्व छात्र, जेड स्केलर के सीईओ जय चौधरी ने अपने छात्र जीवन के अनुभव साझा किए। उन्होंने कहा, “मैंने जब हाई स्कूल पास किया, तो IIT के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। 1977 में गांव से काशी हिंदू विश्वविद्यालय में आकर पढ़ाई शुरू की। गणित और रसायन विज्ञान की पढ़ाई के दौरान मैंने अपनी अंग्रेजी में सुधार किया।”
जय चौधरी ने आगे बताया कि अमेरिका जाकर उन्होंने IBM में काम किया और टाटा से 200 डॉलर की स्कॉलरशिप प्राप्त की। उन्होंने BHU को अपने जीवन के इस परिवर्तन का श्रेय देते हुए कहा, “मेरे गांव में हाई स्कूल के बाद किताबें खरीदने में सक्षम नहीं था। मेरे हेड मास्टर ने मेरी मदद की। शिक्षा के साथ बुनियादी सहयोग भी जरूरी है।”
-छात्रों को दिया सीखने पर ध्यान देने का संदेश
जय चौधरी ने अपने दीक्षांत भाषण में डिग्री से ज्यादा सीखने के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने सिनसिनाटी में सॉफ्टवेयर स्टार्टअप की शुरुआत और उसकी चुनौतियों के बारे में बताते हुए छात्रों को प्रेरित किया। उनके शब्दों ने यह संदेश दिया कि सफलता के लिए आत्मविश्वास और मेहनत जरूरी है।