वाराणसी। महादेव की नगरी काशी, हमेशा से श्रद्धा और आस्था का केंद्र रही है, यहां हर सालों बड़ी संख्या में पर्यटक व श्रद्धालु भ्रमण व दर्शन-पूजन को आते है। लेकिन 13 दिसंबर वर्ष 2021 के बाद से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा श्री काशी विश्वनाथ धाम के नव्य-भव्य और दिव्य लोकार्पण के बाद से यहां श्रद्धालुओं की संख्या रिकॅार्ड तोड़ बढ़ गई है, साथ ही पर्यटन क्षेत्र को भी एक नया आयाम मिला है। इन तीन वर्षों में 1.91 करोड़ से अधिक श्रद्धालु काशीपुराधिपति के दर्शन को पहुंचे है। यह न केवल धार्मिक आस्था का प्रमाण है, बल्कि मंदिर के नए स्वरूप, कॉरिडोर के निर्माण और प्रशासन की सुव्यवस्था का भी नतीजा है। आइए मंदिर द्वारा जारी किए गए तीन साल के आकड़ों पर एक नजर डालते है कि कब और कितनी संख्य़ा में श्रद्धालु काशी नगरी बाबा के दर्शन को आए।
दिसंबर 2021: शुरुआत का ऐतिहासिक महीना
दिसंबर 2021 से काशी विश्वनाथ धाम के नवनिर्मित कॉरिडोर ने श्रद्धालुओं को आकर्षित करना शुरू कर दिया। महीने भर में 48,42,716 लोग दर्शन करने पहुंचे। इस उत्साह ने वाराणसी के धार्मिक और पर्यटन केंद्र के रूप में महत्व को और बढ़ा दिया।
2022: नए रिकॉर्ड्स का साल
जनवरी 2022 ने श्रद्धालुओं की संख्या में नया मुकाम हासिल किया, जब 74,59,471 लोगों ने काशी के बाबा के दर्शन किए। सालभर यह संख्या हर महीने लाखों में रही। जुलाई 2022 में 76,81,561 श्रद्धालु पहुंचे, जबकि साल के अंत में दिसंबर 2022 में यह संख्या घटकर 37,57,884 रह गई।
2023: अगस्त का महीना रहा खास
2023 ने काशी विश्वनाथ मंदिर में श्रद्धालुओं की संख्या में संतुलन देखा। जनवरी से अगस्त के बीच दर्शन करने वालों का ग्राफ ऊपर रहा। अगस्त 2023 सबसे खास महीना बना, जब 95,62,206 लोगों ने बाबा विश्वनाथ का आशीर्वाद लिया। हालांकि, मई और जून 2023 में यह संख्या क्रमशः 31,55,476 और 36,46,346 पर आकर स्थिर हुई।
2024: आस्था और आकर्षण का वर्ष
2024 में मार्च का महीना श्रद्धालुओं के आगमन के मामले में सबसे महत्वपूर्ण रहा। 95,63,432 लोगों ने इस महीने बाबा विश्वनाथ का दर्शन किया। वहीं, अप्रैल और मई में क्रमशः 49,88,040 और 61,87,954 भक्त आए। हालांकि, दिसंबर 2024 में यह संख्या घटकर 18,91,538 हो गई, जो शायद ठंड और अन्य कारणों का परिणाम था।
तीन वर्षों का विश्लेषण
इन तीन वर्षों में मंदिर ने हर महीने लाखों लोगों को आकर्षित किया।
सबसे अधिक श्रद्धालु: अगस्त 2023 और मार्च 2024 (दोनों में 95 लाख से अधिक)।
सबसे कम श्रद्धालु: दिसंबर 2024 (18,91,538)।
श्रद्धालुओं की बढ़ोतरी के कारण:
काशी विश्वनाथ धाम कॉरिडोर का निर्माण।
मंदिर प्रशासन की सुविधाएं और बेहतर प्रबंधन।
वाराणसी की धार्मिक महत्ता।
पर्यटन और व्यापार में बढ़ोतरी
मंदिर में श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या ने स्थानीय व्यापार, होटल और पर्यटन उद्योग को भी बढ़ावा दिया। इस दौरान वाराणसी के घाटों, गंगा आरती, और लोकल मार्केट्स ने वैश्विक स्तर पर पहचान बनाई।
काशी विश्वनाथ मंदिर न केवल एक धार्मिक स्थल है, बल्कि भारत की सांस्कृतिक धरोहर का हिस्सा भी है। यह आंकड़े यह साबित करते हैं कि आने वाले वर्षों में भी श्रद्धालुओं की संख्या में वृद्धि होगी।