वाराणसी, भदैनी मिरर।एल-वन कोचिंग के डायरेक्टर नागेन्द्र ने बताया कि पिछले साल की शानदार सफलता के बाद इस साल भी सुपर-40 बैच के लिए 8वीं, 9वीं, 10वीं, 11वीं एवं 12वीं के छात्रों के लिए 8 दिसंबर, रविवार को सेलेक्सन टेस्ट होगा. जो बच्चे सुपर-40 बैच के लिए चुने जायेंगे, उनको निःशुल्क कोचिंग, रहना-खाना, टेस्ट सीरीज़, स्टडी मेटेरियल, डी.पी.पी. तथा नोट्स उपलब्ध कराया जायेगा. इस बैच का उददेश्य JEE-Main में 250 मार्क्स, NEET में 700+ मार्क्स, Board में 90%+ मार्क्स एवं JEE-Advanced and NEET में 100 रैंक के अन्दर रैंक दिलाना एव NTSE/KVPY/OLYMPIAD मे सफलता दिलाना है.
उन्होने बताया कि वर्ष 2018 में Super-40 के 40 में 38 बच्चें सफल हुए थे, जबकि वर्ष 2019 से 2022 तक लगातार 40 में 40 बच्चे JEE-Main मे सफल होकर JEE-Advanced में भी सफल हो गये. वर्ष 2018 के रिजल्ट से उत्साहित होकर L-1 Coaching ने NEET के लिए भी Super-40 बैच शुरू किया. जिसमे से वर्ष 2019 में 22 बच्चे, 2020 में 28 बच्चें 2021 में 35 बच्चें एवं 2022 में 40 बच्चें सफल हो गये. “प्रत्यक्षम किम् प्रमाणम्” को चरितार्थ करते हुए एक बहुत ही गरीब बढ़ई के बेटे आकाश ने Super-40 बैच में पढ़कर पूरे उत्तर प्रदेश में JEE-Main 2019 की परीक्षा में सबसे ज्यादा 360 में 340 अंक पाकर टॉप करने वालो की लिस्ट में शामिल हो गया.
अभी खुशियों का माहौल साल भर चल रहा था तभी 2020 में कृष्णान्शु ने NEET में 720 में 705 अंक के साथ AIR-53 लाकर फिर पूरे बनारस में टॉप किया. साथ ही बनारस के इतिहास में NEET में सबसे ज्यादा अंक लाया. इसके बाद लगा कि यह कीर्तिमान शायद ही टूटे तभी साल 2021 में दीपक साहू ने NEET में 720 में 715 अंक के साथ ऑल इंडिया 5th रैंक (जनरल कैटेगरी) और ओबीसी में 1 रैंक लाकर सारे रिकार्ड तोड़ दिये.
ये सभी बच्चे सुपर 40 के हिस्सा थे.
प्रेसवार्ता में L-1 Coaching के निदेशक नागेन्द्र सिंह ने बताया कि यह एक अभूतपूर्व सफलता है जिसका पूरा श्रेय सभी बच्चों की मेहनत और L-1 Coaching के टीचर्स को जाता है. इस अविश्वसनीय सफलता को साधारण बताते हुए आकाश, कृष्णान्शु एवं दीपक साहू ने बताया कि हमने बस वही किया जो टीचर्स बोलते थे और मेरे दिमाग में जो भी डाउट होता था उसे उसी वक्त टीचर्स से मिलकर क्लियर कर लेता था. हम अपनी सफलता का पूरा श्रेय L-1 Coaching के टीजर्स को देते हैं. यहाँ के टीचर्स का मानना है कि यदि इसी तरह का सुपर-40 बैच बनाकर टारगेट में पढ़ाया जायेगा तो बहुत ही बेहतर परिणाम मिल सकता है.