Noida Airport : ग्रेटर नोएडा स्थित नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर सोमवार दोपहर 1:30 बजे पहली बार विमान की ट्रायल लैंडिंग हुई। दिल्ली से आई फ्लाइट को वाटर कैनन सलामी देकर सम्मानित किया गया। ट्रायल रन 15 दिसंबर तक जारी रहेगा। इस दौरान विमान में क्रू मेंबर, एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया और एयरपोर्ट का तकनीकी स्टाफ मौजूद था, जिनका कार्य टेक ऑफ से लेकर लैंडिंग तक के तकनीकी डेटा को एकत्रित करना था।
जेवर एयरपोर्ट पर पहली लैंडिंग
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के रनवे पर पहली बार विमान के उतरने का गवाह बना। इस ऐतिहासिक क्षण पर नागरिक उड्डयन मंत्री किंजरापू राम मनोहर नायडू मौजूद रहे। उनके साथ नोएडा पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह सुरक्षा की जिम्मेदारी संभालती नजर आईं। कार्यक्रम में विधायक, सांसद, और डीजीसीए (DGCA) के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।
15 मिनट की उड़ान के बाद विमान रनवे पर उतरा और 5 मिनट के भीतर फिर से उड़ान भर ली। ट्रायल रन के लिए तैयार विमान ने एयरपोर्ट के इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम (ILS) का इस्तेमाल किया। इकट्ठा किए गए तकनीकी डेटा को DGCA को भेजा जाएगा। उम्मीद है कि अप्रैल 2024 से इस एयरपोर्ट से पहली व्यावसायिक फ्लाइट उड़ान भरेगी।
85 प्रतिशत काम हुआ पूरा, जल्द होगी पहली उड़ान
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट का 85% निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। रनवे 3.9 किमी लंबा है और इस पर कैट-1 और कैट-3 उपकरण स्थापित किए गए हैं, जो कोहरे के दौरान विमान की ऊंचाई और दृश्यता की जानकारी प्रदान करेंगे। टर्मिनल बिल्डिंग की छत का फिनिशिंग कार्य प्रगति पर है और जल्द ही इसे पूरा कर लिया जाएगा।
38 मीटर ऊंचा एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) टावर भी बनकर तैयार है। पहले चरण के तहत 1334 हेक्टेयर में एयरपोर्ट का निर्माण हो रहा है, जबकि पूरी परियोजना 6500 हेक्टेयर क्षेत्र में चार चरणों में पूरी की जाएगी। पहले चरण के निर्माण में लगभग 10,056 करोड़ रुपए खर्च होंगे, जिनमें से अब तक 8,000 करोड़ रुपए खर्च किए जा चुके हैं।
हर रोज 65 फ्लाइट करेंगी संचालन, एशिया का चौथा सबसे बड़ा एयरपोर्ट बनेगा
इस एयरपोर्ट का निर्माण स्विस कंपनी ज्यूरिख इंटरनेशनल कर रही है, जो अगले 40 वर्षों तक इसका संचालन भी करेगी। पहले चरण में एयरपोर्ट की क्षमता 1.2 करोड़ यात्रियों की होगी। 17 अप्रैल से एयरपोर्ट पर प्रतिदिन 65 फ्लाइट संचालन शुरू होगा, जिसमें 62 घरेलू, 2 अंतरराष्ट्रीय और एक कार्गो फ्लाइट शामिल होगी। एयरपोर्ट के पूरा होने के बाद यह एशिया का चौथा सबसे बड़ा हवाईअड्डा बन जाएगा।
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट का शुभारंभ क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा, जो उत्तर भारत के लिए एक प्रमुख हवाई यातायात केंद्र बनकर उभरेगा।