वाराणसी। एमआरएफ टायर की डीलरशिप देने के एवज में धोखाधड़ी कर 11.45 लाख रुपए साइबर क्राइम के जरिए हड़प लेने के मामले में आरोपित को राहत मिल गई. विशेष न्यायाधीश (एससी/एसटी एक्ट) अनिल कुमार पंचम की अने मोहब्बतपुर, शेखोपुर सराय (बिहार) निवासा विवेक कुमार को 50-50 हजार रुपए की दो जमानतें एवं बंधपत्र देने पर रिहा करने का आदेश दिया. अदालत में बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता अनुज यादव, दिलीप श्रीवास्तव व नरेश यादव ने पक्ष रखा.
अभियोजन पक्ष के अनुसार जौनपुर निवासी वादी
अबुजर अहमद पुत्र सेराज अहमद ने साइबर क्राइम थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी. आरोप था कि एमआरएफ टायर की डीलरशिप के लिए उसने एमआरएफ टायर की वेवसाइट पर अप्लाई किया, जहां पर उसे एक मोबाइल नंवर मिला. जिस पर बात करने पर उसने अपने आपको एमआरएफ का अधिकारी बताते हुए अपने इमेल आईटी पदी से दस्तावेज मंगवाया और उधर से तमाम कागजात भेजते हुए माल बुक करने के नाम पर खाते में 6 जनवरी 2023 को 1 लाख 45 हजार 800 रुपए जमा करा लिया. उसके बाद 16 जनवरी 2023 को खाते में 10 लाख रुपया जमा करा लिया. उसके बाद भी पैसों की मांग कर रहा था. जिसके कारण वादी ने उसके संबंध में एमआरएफ एजेन्सी वाराणसी पर आकर बात किया तो पता चला कि उक्त व्यक्ति द्वारा उनके साथ फ्राड किया जा रहा है.
हालांकि तब तक वादी ने अपने खाते से कुल मिलाकर रुपया 11 लाख 45 हजार 800 रुपए उसके बताए खाते में जमा कर चुका था. उसकी शिकायत पर साइवर क्राइम थाने ने विवेचना के बाद आरोपित विवेक कुमार का नाम प्रकाश में आने पर उसके खिलाफ विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया था.