Home वाराणसी दोहरे हत्याकांड में पूर्व सांसद अतुल राय समेत आठ बरी, 13 साल पूर्व हत्या कर 2 युवकों का शव सड़क में गाड़ देने का था आरोप

दोहरे हत्याकांड में पूर्व सांसद अतुल राय समेत आठ बरी, 13 साल पूर्व हत्या कर 2 युवकों का शव सड़क में गाड़ देने का था आरोप

by Bhadaini Mirror
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वाराणसी भदैनी मिरर l कैंट थाना क्षेत्र में दो लोगों की हुई हत्या के मामले में विशेष न्यायाधीश (गैंगस्टर एक्ट) यजुवेंद्र विक्रम सिंह की अदालत ने पूर्व सांसद अतुल राय उर्फ अतुल कुमार सिंह, पूर्व जिला पंचायत सदस्य सुजीत सिंह बेलवा समेत आठ आरोपितों को दोषमुक्त कर दिया. अदालत में आरोपित पूर्व बसपा सांसद अतुल राय व आरोपित अभिषेक सिंह हनी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अनुज यादव, बृजपाल सिंह यादव व विनीत कुमार सिंह ने पक्ष रखा.

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भक्तिनगर, दौलतपुर निवासिनी आशा देवी ने 25 अगस्त 2011 को कैंट थाना पर इस आशय की प्रार्थना पत्र दी थी कि उसका बेटा रंजीत और साथी विनोद गौड़ मौजूद था तभी जीप और मोटरसाइकिल पर सवार सुशील सिंह, कल्लू उर्फ धर्मेंद्र पांडेय एवं अन्य वहां आये और रंजीत व विनोद को साथ लेकर चले गए. काफी समय बाद भी जब दोनों का पता नहीं चला तो अनहोनी की आशंका होने पर खोजबीन करने कचहरी पहुंची. पेशी पर जेल से आया श्रीप्रकाश उर्फ झून्ना पंडित ने उसे बताया कि रंजीत और विनोद को मारकर उनलोगों ने ठिकाना लगा दिया है. इस तहरीर के आधार पर कैंट पुलिस ने हत्या समेत विभिन्न आपराधिक धाराओं में मुकदमा दर्ज कर विवेचना शुरू कर दी. विवेचना के दौरान 27 अगस्त 2011 को रंजीत गौड़ और विनोद गौड़ की बसंत विहार कालोनी, दौलतपुर में मिला था.

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आरोपितों ने गड्डा खोदवाकर दोनों के शव को दफन करा दिया. पुलिस ने विवेचना के बाद अतुल राय, सुजीत सिंह बेलवा, झुन्ना उर्फ श्रीप्रकाश मिश्रा, अभिषेक उर्फ हनी, सुशील सिंह, कल्लू उर्फ धर्मेंद्र पांडेय, अभिलाख पांडेय ,सतीश यादव उर्फ बच्चा, शिशु उर्फ शिवाकुमार, शंखू यादव एवं अजय उर्फ विजय के खिलाफ अदालत में आरोपपत्र दाखिल कर दी.

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आरोपित सुशील सिंह, झून्ना उर्फ श्रीप्रकाश मिश्रा के बाल अपचारी होने के कारण उसका मामला पृथक कर किशोर न्याय बोर्ड प्रेषित कर किया गया. आरोपित कल्लू उर्फ धर्मेंद्र पांडेय व सतीश यादव उर्फ बच्चा की मृत्यु होने पर दोनों के खिलाफ मुकदमे की सुनवाई बंद कर दी गई. अदालत में मुकदमा की सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से वादिनी आशा देवी समेत 13 गवाह परीक्षित किए गए. आरोपितों के खिलाफ आरोप साबित न होने पर अदालत ने अतुल राय, सुजीत सिंह बेलवा, अभिषेक सिंह उर्फ हनी, अभिलाख पांडेय उर्फ काले, शंखु यादव, शिशु उर्फ शिवा कुमार, अजय उर्फ विजय, राजन पांडेय को दोषमुक्त कर दिया.

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