गृह मंत्री अमित शाह के भीमराव अंबेडकर पर दिए बयान के बाद देश की राजनीति में उबाल आ गया है। कांग्रेस ने इस बयान को लेकर अमित शाह से इस्तीफे की मांग की है और 19 दिसंबर को बीजेपी और गृह मंत्री के खिलाफ देशभर में विरोध प्रदर्शन का ऐलान किया है। इस बीच लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, प्रियंका गांधी सहित कई कांग्रेस नेता संसद में नीले कपड़े पहनकर पहुंचे, जिससे इस मुद्दे पर कांग्रेस की रणनीति और स्पष्ट हो गई।
विपक्ष का नीले रंग से संदेश
राहुल गांधी ने नीली टी-शर्ट पहनी, जबकि प्रियंका गांधी संसद में नीली साड़ी में नजर आईं। बहुजन आंदोलन में नीला रंग एक प्रतीकात्मक महत्व रखता है, जिसे झंडे और अन्य प्रतीकों में शामिल किया जाता है। कांग्रेस ने इस रंग के माध्यम से बाबा साहेब अंबेडकर से जुड़े मुद्दे को राजनीतिक संकेत के रूप में इस्तेमाल करने की कोशिश की है।
संसद में उठा मुद्दा, कार्यवाही स्थगित
कांग्रेस समेत तृणमूल कांग्रेस, द्रमुक, राजद, वामपंथी दल और शिवसेना (यूबीटी) जैसे विपक्षी दलों ने इस मुद्दे को जोर-शोर से संसद के दोनों सदनों में उठाया। इस कारण संसद की कार्यवाही बुधवार (18 दिसंबर 2024) को स्थगित करनी पड़ी।
प्रियंका गांधी और विपक्ष का विरोध प्रदर्शन
गुरुवार को इंडिया गठबंधन के सांसदों ने संसद परिसर में जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। नेताओं ने कहा, “गृह मंत्री अमित शाह को माफी मांगनी होगी। अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अंबेडकर के प्रति सम्मान है, तो उन्हें अमित शाह को बर्खास्त करना चाहिए।”
अमित शाह का बचाव करते हुए पीएम का हमला
विपक्ष के विरोध पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गृह मंत्री का बचाव करते हुए कांग्रेस पर पलटवार किया। पीएम मोदी ने कहा कि अमित शाह ने कांग्रेस के “काले इतिहास” को उजागर किया है। वहीं, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि अगर अमित शाह इस्तीफा नहीं देते तो प्रधानमंत्री को आज रात 12 बजे तक उन्हें मंत्रिमंडल से हटा देना चाहिए।
“संविधान का अपमान सहन नहीं होगा” – राहुल गांधी
राहुल गांधी ने इस विवाद पर कहा कि देश संविधान निर्माता का अपमान बर्दाश्त नहीं करेगा और गृह मंत्री को माफी मांगनी चाहिए। उन्होंने भाजपा पर संविधान और अंबेडकर की विरासत को खत्म करने का भी आरोप लगाया। प्रियंका गांधी ने सोशल मीडिया पर लिखा, “अंबेडकर का नाम मानवीय गरिमा और दलितों-वंचितों के आत्मसम्मान का प्रतीक है। उनका अपमान अस्वीकार्य है।”