वाराणसी: भाजपा के पूर्व विधायक सुनील बालकृष्ण ओझा के निधन के करीब एक साल बाद उनकी ट्रस्ट संपत्तियों को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। उनके बेटे ओझा विरल ने कैंट थाने में शिकायत दर्ज कराते हुए संध्या दूबे और अन्य छह लोगों पर ट्रस्ट संपत्तियों पर कब्जे की साजिश और धोखाधड़ी का आरोप लगाया है।
ट्रस्ट संपत्ति पर अवैध कब्जे का आरोप
ओझा विरल ने बताया कि उनके पिता द्वारा स्थापित ओएस बाल कुंदन फाउंडेशन ट्रस्ट की संपत्तियों को हड़पने के लिए संध्या दूबे और उनके साथियों ने फर्जी दस्तावेज तैयार किए। आरोपितों में संध्या दूबे के साथ माधोपुरा निवासी हरिशंकर दूबे, अमित कुमार मिश्र, विनोद कुमार पांडेय, प्रेमराज खमिजा, संजय तिवारी और जयप्रकाश तिवारी शामिल हैं। इन सभी पर ट्रस्ट के कागजात में हेरफेर करने का गंभीर आरोप है।
धमकी देने का भी आरोप
ओझा विरल का दावा है कि 29 नवंबर 2024 को अपने पिता की पुण्यतिथि के अवसर पर वाराणसी जाने पर उन्हें और उनके भाई रित्विक को धमकाया गया। आरोप है कि संध्या दूबे और उनके सहयोगियों ने जान से मारने की धमकी देते हुए कहा, “यहां से चले जाओ, वरना तुम्हारा हाल भी तुम्हारे पिता जैसा होगा।”
पुलिस ने दर्ज किया केस
ओझा विरल की तहरीर के आधार पर पुलिस ने धोखाधड़ी, दस्तावेजों में जालसाजी और धमकी देने के आरोप में मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। मामले ने राजनीतिक और सामाजिक हलकों में हलचल पैदा कर दी है।