Home वाराणसी किसान दिवस पर बड़ा ऐलान: प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र में बनेगा डॉ. भीमराव अंबेडकर संग्रहालय और संविधान लाइब्रेरी

किसान दिवस पर बड़ा ऐलान: प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र में बनेगा डॉ. भीमराव अंबेडकर संग्रहालय और संविधान लाइब्रेरी

by Ankita Yadav
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वाराणसी। किसान दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के महनाग गांव में डॉ. भीमराव अंबेडकर संग्रहालय और संविधान लाइब्रेरी भवन के निर्माण का ऐलान किया गया है। इस घोषणा को किसान के बेटे और महनाग गांव निवासी सुबेदार यादव ने किया।

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सुबेदार यादव, जो एक किसान परिवार से हैं, ने गृह मंत्री अमित शाह के हालिया बयान पर दुख जताते हुए कहा कि यह कदम बाबा साहेब डॉ. अंबेडकर के सम्मान और संविधान के प्रति अपनी आस्था को प्रकट करने के लिए उठाया जा रहा है। उन्होंने राजातालाब तहसील में उपजिलाधिकारी को इस परियोजना की अनुमति के लिए प्रार्थना पत्र सौंपा है।

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गृहमंत्री अमित शाह के बयान पर नाराज़गी

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संसद में गृह मंत्री अमित शाह के बयान, आजकल फैशन बन गया है बाबा साहेब, बाबा साहेब कहना, से आहत होकर सुबेदार यादव ने कहा,”यह बयान देश के करोड़ों नागरिकों की भावनाओं को आहत करता है। बाबा साहेब का अपमान हम सहन नहीं कर सकते। उन्होंने देश को संविधान दिया, जिससे हर नागरिक को अधिकार मिले। अमित शाह को इस बयान के लिए माफी मांगनी चाहिए।

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ग्रामीणों को होगी सुविधा

सुबेदार यादव का मानना है कि डॉ. अंबेडकर संग्रहालय और संविधान लाइब्रेरी ग्रामीण इलाकों के लोगों के लिए ज्ञान और प्रेरणा का केंद्र बनेगी। यह परियोजना संविधान की महत्वता और डॉ. अंबेडकर के योगदान को आने वाली पीढ़ियों तक पहुंचाने में मदद करेगी।

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डॉ. अंबेडकर के सम्मान में कदम

सुबेदार यादव ने कहा, “बाबा साहेब भारत के सर्वोपरि पुरुष हैं। उनका सम्मान करना हमारा कर्तव्य है। संविधान लाइब्रेरी के माध्यम से हम उनके आदर्शों और विचारों को जीवित रखेंगे।

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गृहमंत्री से माफी की मांग

सुबेदार यादव और स्थानीय लोगों ने गृहमंत्री अमित शाह से उनके बयान पर सार्वजनिक माफी मांगने की अपील की है। उनका कहना है कि ऐसा बयान संविधान और बाबा साहेब के प्रति लोगों की आस्था को कमजोर करता है।


इस संग्रहालय और लाइब्रेरी का निर्माण डॉ. अंबेडकर के प्रति सम्मान और संविधान की महत्ता को बनाए रखने का प्रतीक बनेगा। स्थानीय ग्रामीणों ने इस पहल की सराहना की है और इसे बाबा साहेब के विचारों को आगे बढ़ाने का एक महत्वपूर्ण कदम बताया है।

इस घोषणा के बाद वाराणसी के ग्रामीण क्षेत्रों में इस परियोजना को लेकर उत्साह देखा जा रहा है। अब यह देखना होगा कि प्रशासन से अनुमति मिलने के बाद यह परियोजना कब आकार लेती है।

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