कानपुर। आईआईटी कानपुर की शोध छात्रा द्वारा लगाए गए यौन शोषण के आरोपों में फंसे एसीपी मोहसिन खान को इलाहाबाद हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। गुरुवार को मामले की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट की डबल बेंच ने उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी। कोर्ट ने एसीपी पर दर्ज मुकदमे में अग्रिम कार्रवाई और जांच पर भी रोक लगाने का आदेश दिया है।
एसीपी की याचिका पर सुनवाई
एसीपी मोहसिन खान ने पीड़िता द्वारा दर्ज कराई गई एफआईआर को रद्द करने के लिए हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। जस्टिस सांगवान और जस्टिस इदरीसी की डबल बेंच ने मामले की सुनवाई करते हुए एफआईआर रद्द नहीं की, लेकिन एसीपी की गिरफ्तारी और मामले में आगे की जांच पर रोक लगा दी। बचाव पक्ष के वकील इमरानुल्ला खान ने अदालत में एसीपी का पक्ष रखा, जबकि अभियोजन पक्ष ने भी अपनी दलीलें पेश कीं।
यौन शोषण का आरोप
आईआईटी कानपुर में शोध कर रही छात्रा ने आरोप लगाया था कि एसीपी मोहसिन खान, जो साइबर क्राइम और क्रिमिनोलॉजी की पढ़ाई कर रहे थे, ने उसे प्यार में फंसाकर उसके साथ दुष्कर्म किया। पीड़िता ने यह भी कहा कि एसीपी के शादीशुदा होने की जानकारी छिपाई गई थी।
पुलिस ने दर्ज किया केस
पीड़िता की शिकायत पर कानपुर पुलिस कमिश्नर ने डीसीपी अंकिता शर्मा और एडीसीपी अर्चना सिंह को मामले की जांच का जिम्मा सौंपा। पुलिस ने एसीपी मोहसिन खान के खिलाफ केस दर्ज किया और एडीसीपी अर्चना सिंह की अध्यक्षता में एसआईटी गठित कर दी गई है, जो पूरे मामले की जांच कर रही है।
हाईकोर्ट का आदेश
कोर्ट ने इस मामले में एफआईआर रद्द करने से इनकार कर दिया लेकिन एसीपी मोहसिन खान की गिरफ्तारी और आगे की जांच पर फिलहाल रोक लगा दी है। यह आदेश एसीपी को बड़ी राहत के रूप में देखा जा रहा है।