वाराणसी, भदैनी मिरर। सनातनी मंदिरों से सांई बाबा की प्रतिमा हटाने का अभियान छेड़ने वाले बड़ी पियरी (चौक) निवासी अजय शर्मा को विशेष मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने 25- 25 हजार रूपए के बंधपत्र और प्रतिभू देने पर रिहा करने का आदेश दे दिया. अजय शर्मा की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक शंकर तिवारी (माइकल) ने जोरदार बहस की. उन्होंने कोर्ट में ही पुलिस की मंशा पर सवाल खड़े कर दिए.
वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक शंकर तिवारी ने कहा कि अजय शर्मा पर मात्र राजनैतिक विद्वेष के कारण व शासन के दबाव में यह झूठे आरोप लगाकर अभियोग दर्ज किया गया है. अभियोजन के पास किसी मूर्ति को क्षतिग्रस्त करने, नुकसान पहुंचाने संबंधी कोई साक्ष्य नहीं है और न ही कोई स्वतंत्र गवाह है. अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि इसी वर्ष अजय शर्मा का 26 मार्च को ओपेन हार्ट सर्जरी हुई है, वह अभी इलाजरत है. अजय शर्मा के अधिवक्ता ने कोर्ट को यह भी बताया कि अभियुक्त का कोई अपराधिक इतिहास भी नहीं है.
जोरदार बहस के दौरान अभियुक्त अजय शर्मा के अधिवक्ता विवेक शंकर तिवारी ने कोर्ट को बताया कि चौक थाने में दर्ज FIR के तहरीरकर्ता ने खुद न्यायालय में उपस्थित होकर शपथ पत्र दाखिल करते हुए कहा कि वह कुछ लोगों के कहने व बहकावे में आकर थाना चौक, वाराणसी में अजय शर्मा के विरुद्ध प्रार्थना पत्र दे दिया था, जबकि अजय शर्मा ने मंदिर में स्थित सांई बाबा की मूर्ति के साथ न तो कोई छेड़छाड़ की थी और न ही उसे क्षतिग्रस्त ही किया था.
कोर्ट ने सभी पत्रावलियों को देखने और अभियुक्त का अपराधिक इतिहास न होने के साथ ही अधिवक्ता की दलीलों पर अजय शर्मा को 25 हजार रूपये का व्यक्तिगत बंधपत्र एवं समान धनराशि का दो प्रतिभू प्रस्तुत करने पर जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया.
बता दें, लोहटिया बड़ा गणेश मंदिर सहित कई मंदिरों से साईं बाबा की प्रतिमा हटवाने वाले अजय शर्मा को वाराणसी कमिश्नरेट के एसओजी टीम ने उठा लिया. पहले उन्हें चितईपुर थाने ले जाया गया, जहां उनसे पुछताछ की गई. थाने पर मीडिया के पहुंचने के बाद उन्हें चौक थाने ले जाया गया. उधर साईं बाबा मूर्ति प्रकरण को लेकर पुजारी चैतन्यव्यास हनुमानजी आनंदमई मंदिर चौक ने थाने में लिखित तहरीर दी थी. चौक पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज करके उन्हे 3 अक्टूबर को जेल भेज दिया था