Home अपराध भदैनी सामूहिक हत्याकांड: एक लाख के इनामी विशाल गुप्ता और भाई प्रशांत गुप्ता गिरफ्तार, दो साल से कर रहे थे चाचा के मर्डर की प्लानिंग, उगले कई चौंकाने वाले राज

भदैनी सामूहिक हत्याकांड: एक लाख के इनामी विशाल गुप्ता और भाई प्रशांत गुप्ता गिरफ्तार, दो साल से कर रहे थे चाचा के मर्डर की प्लानिंग, उगले कई चौंकाने वाले राज

by Ankita Yadav
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वाराणसी, भदैनी मिरर। भेलूपुर थाना क्षेत्र में पांच लोगों की नृशंस हत्या के मामले में पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। एक लाख के इनामी मुख्य आरोपी विशाल गुप्ता उर्फ विक्की और उसके भाई प्रशांत गुप्ता उर्फ जुगनू को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। दोनों भाइयों को सीरगोवर्धनपुर लौटू बीर मंदिर के पास दोपहर करीब 1:15 बजे पकड़ा गया।

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क्या है पूरा मामला?

यह दिल दहला देने वाला हत्याकांड 4-5 नवंबर 2024 की रात भेलूपुर के भदैनी इलाके में सामने आया था। आरोपियों ने अपने चाचा राजेंद्र गुप्ता, चाची नीतू गुप्ता और उनके तीन बच्चों की गोली मारकर हत्या कर दी थी।

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आरोपी विक्की गुप्ता और प्रशांत गुप्ता
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पुलिस ने खुलासा करते हुए बताया कि पहले राजेंद्र गुप्ता को रोहनिया स्थित उनके निर्माणाधीन मकान में मारा गया। इसके बाद भदैनी स्थित घर में घुसकर चाची नीतू गुप्ता, 22 वर्षीय नवनेन्दु, 16 वर्षीय शुभेन्दु और 17 वर्षीय गौरांगी की गोली मारकर हत्या कर दी गई। वारदात के बाद आरोपी बिहार और कोलकाता फरार हो गए थे।

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बचपन से ही रची जा रही थी हत्या की साजिश

गिरफ्तार आरोपियों ने पूछताछ में चौंकाने वाला खुलासा किया। विशाल गुप्ता और प्रशांत गुप्ता ने बदला लेने के लिए इस हत्याकांड को अंजाम दिया। उनका आरोप था कि साल 1997 में उनके चाचा राजेंद्र गुप्ता ने उनके माता-पिता और दादा की गोली मारकर हत्या कर दी थी। इसके बाद से राजेंद्र गुप्ता और उनका परिवार दोनों भाइयों के साथ नौकरों जैसा व्यवहार करता था, मारपीट करता था। 2022 में राजेंद्र और उसके बेटे ने विशाल गुप्ता को बेरहमी से पीटा और कई दिनों तक घर में बंद रखा। इसके बाद ही विशाल ने बदला लेने की योजना बनाई और प्रशांत के साथ मिलकर हत्या का प्लान बनाया।

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फर्जी सिम और हथियार से की वारदात

हत्या को अंजाम देने के लिए विशाल और प्रशांत ने बिहार से दो पिस्टल खरीदीं और फर्जी आईडी पर कई सिम कार्ड लिए। वारदात के बाद पुलिस से बचने के लिए विशाल पटना, कोलकाता और मुंबई रेलवे स्टेशनों पर छिपा रहा। भाई प्रशांत से वह इंस्टाग्राम के जरिए संपर्क करता था।

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6 फरवरी 2025 को जब विशाल गुप्ता पैसे लेने वाराणसी आया तो पुलिस ने दोनों भाइयों को पकड़ लिया। इनके पास से पुलिस के 5 मोबाइल फोन और सिम कार्ड, 26,000 रुपये नकद, एक एयरटेल पोर्टेबल वाई-फाई (डोंगल) बरामद हुआ है।

पुलिस टीम को मिला इनाम

इस बड़ी सफलता के लिए पुलिस आयुक्त मोहित अग्रवाल ने गिरफ्तारी करने वाली टीम को एक लाख रुपये का नगद पुरस्कार दिया और सर्विलांस प्रभारी दिनेश कुमार यादव को प्रशस्ति पत्र प्रदान किया।

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