Varanasi: मकर संक्रांति, मंगलवार को डंठ के बीच हजारों आस्थावानों ने गंगा में डुबकी लगाई। ब्रह्म मुहूर्त से ही काशी के सभी प्रमुख घाटों पर हर हर गंगे की गूंज सुनाई देने लगी थी। हमेशा की तरह स्नानार्थियों का सर्वाधिक दबाब दशाश्वमेध घाट पर था। गिरजाघर से दशाश्वमेध घाट तक लोगों का हुजूम दिखाई पड़ रहा था। अहिल्याबाई घाट से आरपी घाट तक तट भीड़ से एकाकार हो गया था। स्नानार्थियों की सुरक्षा की दृष्टि से जल में बैरिकेडिंग की गई थी। बैरिकेडिंग के बाहर एनडीआरफ के जवान तैनात थे। एनडीआरफ के तीन गश्ती दल भी लगातार चक्कर लगाते रहे।
Ankit Mishra
#Live : महाकुंभ का पहला अमृत स्नान : संगम की रेती पर उत्साह में दिख रहे अखाड़े, हर-हर महादेव के जयघोष संग लगा रहें डुबकी, जूना के साथ किन्नर अखाड़ा भी पहुंचा
Praygraj : महाकुंभ का पहला अमृत स्नान चल रहा है। एक-एक करके 13 अखाड़ों के नागा साधु- संत और महामंडलेश्वर संगम स्नान के लिए जा रहे हैं। नागा साधु हाथों में तलवार-त्रिशूल, डमरू और पूरे शरीर पर भस्म-भभूत लगाकर निकले।
घोड़े-ऊंट और रथ पर सवार होकर हर-हर महादेव का उद्घोष करते हुए नागा साधु संगम पहुंचे। तलवारें और गदा लहराते हुए दौड़े और संगम में डुबकी लगाई। सबसे पहले श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाण और श्री शंभू पंचायती अटल अखाड़ा के साधु-संतों ने स्नान किया।
अब महाकुंभ के सबसे बड़े जूना अखाड़े के संत संगम के लिए निकले हैं। किन्नर संत भी उनके साथ हैं। नागा साधु-संत करतब दिखाते हुए संगम तक पहुंच रहे हैं। देश-दुनिया से आए भक्त साधु-संतों का आशीर्वाद लेने के लिए उत्सुक हैं। कोई पैर छूने के लिए दौड़ रहा है तो कोई उनकी चरण रज माथे से लगा रहा है।
प्रथम अमृत स्नान के लिए समय निर्धारित : सबसे आगे रहेगा महानिर्वाणी व अटल अखाड़ा
प्रयागराज। मकर संक्रांति पर होने वाले प्रथम शाही स्नान के लिए लंबे-विचार विमर्श के बाद नागा संन्यासियों, बैरागियों और उदासीन परंपरा के संतों के जुलूसों का समय निर्धारित कर लिया गया। सभी अखाड़ों के महंतों, प्रतिनिधियों और अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के पदाधिकारियों की मौजूदगी में शाही स्नान की रूपरेखा को अंतिम रूप दिया गया। अखाड़े संगम नोज में डुबकी लगाएंगे।
सबसे पहले महानिर्वाणी और अटल अखाड़े का जुलूस निकलेगा और सबसे पीछे चलेगा निर्मल अखाड़े का कारवां। परंपरा के अनुसार सभी अखाड़ों के शिविरों से निकलने और शाही स्नान के लिए घाट पर पहुंचने से लेकर स्नान करने तक का समय निर्धारित किया गया। रथों, बग्घियों, घोड़ों पर छत्र- चंवर के साथ साधु-संतों का पहला जुलूस सुबह 5:15 बजे निकलेगा। करीब तीन किमी रास्ते पर चलकर शाही स्नान संगम नोज पर होगा।
कुंभ मेला के पुलिस कार्यालय स्थित सभागार में अखाड़ा परिषद की शाही स्नान की रूपरेखा को मेला प्रशासन ने अंतिम रूप दिया। इसके अलावा रूट, स्थल और समय को लेकर संतों ने राय दी। 14 जनवरी को प्रथम शाही स्नान के जुलूसों के संगम पर आगमन, प्रस्थान के साथ ही स्नान के लिए समय का निर्धारण कर दिया गया।
Mahakumbh_2025 : सोशल मीडिया पर ट्रेंड करता रहा ‘एकता का महाकुम्भ’, 70 हजार यूजर्स ने किया पोस्ट
प्रयागराज, भदैनी मिरर। प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ को पीएम मोदी और सीएम योगी ने ‘एकता का महाकुंभ’ का नाम दिया, जिसे सोशल मीडिया पर जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली। पौष पूर्णिमा स्नान पर्व के पहले दिन सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर #एकताकामहाकुम्भ हैशटैग ने सभी ट्रेंड्स को पीछे छोड़ दिया। सुबह से ही लोगों ने महाकुंभ से जुड़े वीडियो, फोटो और जानकारियां शेयर करनी शुरू कर दीं। शाम साढ़े तीन बजे तक करीब 70 हजार यूजर्स ने इस हैश टैग का उपयोग किया। सीएम योगी के इस हैशटैग का उपयोग करने के बाद प्रतिक्रियाओं में और तेजी आई। यूजर्स ने संगम स्नान, महाकुम्भ में उमड़ी भीड़ और सनातन आस्था को लेकर अपने विचार साझा किए।
पहला अमृत स्नान कल
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में सोमवार से महाकुंभ का आगाज हो गया। आज महाकुंभ का पहला अमृत स्नान (शाही स्नान) किया जाएगा। मकर संक्रांति के शुभ अवसर पर नागा साधु और संत शाही स्नान करेंगे। बता दें कि महाकुंभ में शाही स्नान का खास महत्व होता है। कहते हैं कि अमृत स्नान के दिन स्नान करने से विशेष फलों की प्राप्ति होती है महाकुंभ का पहला शाही स्नान 14 जनवरी को किया जाएगा। इस दिन सूर्य धनु राशि से निकर मकर राशि में प्रवेश करेंगे। जब सूर्य मकर राशि में गोचर करते हैं तब मकर संक्रांति का पर्व मनाया जाता है।
मेले में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था
मंगलवार को मकर संक्रांति पर अमृत स्नान पर्व का अनूठा संयोग जुड़ रहा है। दोनों ही स्नान पर्वों के एक साथ पड़ने से श्रद्धालुओं में उत्साह है। ठंड और बूंदाबांदी के बावजूद श्रद्धालुओं के आने का तांता लगा हुआ है। संतों-महतों के शिविर जागृत हैं। पूरे मेला क्षेत्र में प्रवचन व वेद की ऋचाओं की गूंज है। मेला में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था है।
40 करोड़ लोगों के आने की उम्मीद
भीड़ का दवाब देखते हुए महाकुंभ क्षेत्र में कुछ पुलों पर आवागमन रोक दिया गया। यातायात प्रबंधन योजना में तात्कालिक तौर पर संशोधन किए गए। साथ ही चार हजार हेक्टेयर में विस्तारित महाकुंभ क्षेत्र में तैयारियों का रिहर्सल भी कर लिया गया।
#Live- सबसे बड़े आध्यात्मिक उत्सव का आगाज : महाकुंभ में आस्था की डुबकी, PM Modi और CM Yogi ने दी शुभकामनाएँ
Praygraj: यूपी की संगम नगरी में महाकुंभ मेले का दिव्य और भव्य आगाज हो गया है। पौष पूर्णिमा के साथ ही 26 फरवरी तक चलने वाले महाकुंभ की की शुरुआत हो गई है। इस बार महाकुंभ में 40 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के शामिल होने का अनुमान लगाया जा रहा है। महाकुंभ के पहले दिन से प्रयागराज में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ जुट रही है। प्रधानमंत्री मोदी, सीएम योगी समेत कई राजनीतिक हस्तियों ने देशवासियों को महाकुंभ की शुभकामनाएँ दी।
प्रयागराज की पुण्यभूमि पर महाकुंभ का शुभारंभ : मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पौष पूर्णिमा के मौके पर अपने आधिकारिक एक्स पर पोस्ट साझा कर लिखा कि पौष पूर्णिमा पर पवित्र स्नान के साथ ही आज से प्रयागराज की पुण्यभूमि पर महाकुंभ का शुभारंभ हो गया है। हमारी आस्था और संस्कृति से जुड़े इस दिव्य अवसर पर मैं सभी श्रद्धालुओं का हृदय से वंदन और अभिनंदन करता हूं। भारतीय आध्यात्मिक परंपरा का यह विराट उत्सव आप सभी के जीवन में नई ऊर्जा और उत्साह का संचार करे, यही कामना है।
मां गंगा आप सभी की मनोकामना पूर्ण करें : योगी
महाकुंभ शुरू होने पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पौष पूर्णिमा की बधाई दी है। एक्स पर सीएम योगी ने लिखा कि विश्व के विशालतम आध्यात्मिक एवं सांस्कृतिक समागम ‘महाकुम्भ’ का आज से तीर्थराज प्रयागराज में शुभारंभ हो रहा है। अनेकता में एकता की अनुभूति के लिए आस्था एवं आधुनिकता के संगम में साधना एवं पवित्र स्नान के लिए पधारे सभी पूज्य सन्तों, कल्पवासियों, श्रद्धालुओं का हार्दिक स्वागत है। मां गंगा आप सभी की मनोकामना पूर्ण करें। महाकुम्भ प्रयागराज के शुभारंभ एवं प्रथम स्नान की मंगलमय शुभकामनाएं। सनातन गर्व-महाकुम्भ पर्व।
संगम की लहरों पर दिखेगी महाकुंभ की कथा : यमुना बैंक घाट पर लेजर शो का शुभारंभ, अद्भुत होगा नजारा
पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह की पहल पर लगभग 22 करोड़ रुपये की लागत से तैयार लेजर वाटर स्क्रीन शो का शनिवार को शुभारंभ हुआ। इसे टेमफ्लो सिस्टम्स, गाज़ियाबाद ने आधुनिक तकनीक से महाकुंभ की प्राचीन गाथाओं को प्रभावशाली और सजीव रूप में प्रस्तुत किया है। प्रदेश के औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी ने प्रयागराज में यमुना बैंक घाट पर महाकुंभ 2025 से संबंधित प्रमुख कार्यक्रमों को प्रदर्शित करने वाले एक प्रमुख वाटर लेजर शो का उद्घाटन किया। यमुना नदी के तट पर बोट क्लब के पास स्थित काली घाट पर प्रदर्शित इस शो के दौरान पानी की स्क्रीन पर उभरती अद्भुत छटा श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बन रही है।
महाकुंभ के गौरवशाली अतीत से रूबरू कराया जाएगा
दर्शकों को इन पवित्र स्थलों की दिव्यता और ऐतिहासिक महत्व का अनुभव करने का अनूठा अवसर प्राप्त हुआ। शो में दिखाए गए दृश्य और ध्वनि ने श्रद्धालुओं को महाकुंभ के गौरवशाली अतीत से रूबरू कराया। इस शो का आप भी बिना किसी शुल्क के आनंद ले सकते हैं। रोज़ शाम सात से नाै बजे के बीच दो शो दिखाए जायेंगे और हर शो की अवधि 45 मिनट होगी। इस अवसर पर क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी अपराजिता सिंह, यूपी पीसीएल के जीएम श्री सुरेश यादव , प्रोजेक्ट मैनेजर राजेश शर्मा, एपीएम गणेश प्रसाद एवं सूरज बाबू उपस्थित रहे।
पर्यटक विजुअल एवं साउंड का आनंद ले सकेंगे
यहां आने वाले पर्यटक गंगा, यमुना की लहरों के साथ विजुअल एवं साउंड का आनंद ले सकेंगे। पर्यटक यमुना के दर्शन के साथ महाकुंभ के बारे में भी बेहतर जानकारी प्राप्त कर सकेंगे। इसमें वाटर स्क्रीन डिस्प्ले सहित अन्य उपकण शामिल होंगे। जिन स्थलों पर वाटर लेजर शो की व्यवस्था की जा रही है उसमें कालीघाट, नमामि गंगे घाट, मौजगिरी घाट, बोट क्लब व त्रिवेणी दर्शन घाट शामिल है। यहां बड़ी संख्या में पर्यटक शो का आनंद ले सकेंगे।
लगभग 40 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की संभावना
यह वाटर लेजर शो 30-30 मिनट का होगा। विश्व का सबसे बड़ा धार्मिक समागम महाकुंभ-2025 का आयोजन होगा, इस बार लगभग 40 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की संभावना है। इसके लिए स्नान, ध्यान, भ्रमण व ठहरने की उत्तम व्यवस्था की जा रही है। वाटर लेजर शो भी इसका हिस्सा है। प्रयागराज के लिए 21.86 करोड़ रुपये की धनराशि स्वीकृत की गयी है , वाटर लेजर शो का आनंद लेने के बाद पर्यटक धार्मिक शहर की सांस्कृतिक विरासत का दर्शन भी कर सकेंगे।
महाकुंभ-2025 : श्री काशी विश्वनाथ के दर्शन को आने वाले श्रद्धालुओं के लिए गाइडलाइन जारी, स्पर्श दर्शन पर रोक, मंगला आरती के अलावा अन्य आरतियों के टिकट बिक्री रोक
वाराणसी,भदैनी मिरर । महाकुंभ के लिए श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। श्री काशी विश्वनाथ धाम में महाकुम्भ-2025 के आयोजन को लेकर श्रद्धालुओं की संख्या में भारी वृद्धि होने की संभावना है। इस संदर्भ में श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास ने कुछ आवश्यक जानकारी दी। जारी विज्ञप्ति के मुताबिक, धाम में श्रद्धालुओं की अत्यधिक संख्या को ध्यान में रखते हुए, 12 जनवरी से लेकर 28 फरवरी तक स्पर्श दर्शन स्थगित रहेगा। महाकुम्भ के दौरान श्री काशी विश्वनाथ धाम में केवल मंगला आरती के लिए ही टिकट प्रदान किये जाएंगे। अन्य किसी भी प्रकार के आरती के लिए टिकट नहीं उपलब्ध होंगे। मंगला आरती के अतिरिक्त अन्य समस्त आरतियाँ, जैसे- मध्यान्ह भोग आरती, सप्त्रिशी आरती, और श्रृंगार आरती के दौरान श्रद्धालुओं को गर्भगृह के चारों द्वारों से दर्शन की व्यवस्था की जाएगी। इस दौरान विशिष्ट अनुरोध के तहत दर्शन कराने की व्यवस्था में भी परिवर्तन किया गया है। सुबह मंगला आरती के समाप्ति से लेकर दोपहर 02:00 बजे तक किसी भी प्रकार का विशिष्ट अनुरोध स्वीकार नहीं किया जाएगा। दोपहर 02:00 बजे से शाम 04:00 बजे तक ही विशिष्ट अनुरोध स्वीकार किये जाएंगे। विशिष्ट अनुरोध के तहत भी स्पर्श दर्शन की व्यवस्था नहीं होगी।
प्रवेश व निकास के लिये अलग-अलग मार्ग
महाकुम्भ-2025 के दृष्टिगत पुलिस आयुक्त ने मण्डलायुक्त एवं जिलाधिकारी संग श्री काशी विश्वनाथ मंदिर परिसर का भ्रमण किया। भीड़ प्रबन्धन एवं सुगम दर्शन हेतु की गयी व्यवस्थाओं का निरीक्षण लिया। इस दौरान बताया कि, श्रद्धालुओं के सुगम दर्शन के दृष्टिगत मंदिर परिसर में बैरिकेडिंग कर प्रवेश व निकास हेतु अलग-अलग मार्ग बनाये जायेंगे।