वाराणसी। बीएचयू गेट, लंका पर महिलाओं की सुरक्षा और अधिकारों को लेकर जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से ‘मेरी रातें, मेरी सड़कें’ अभियान का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का आयोजन दखल, एपवा, आइशा और NSUI संगठनों द्वारा किया गया।
निर्भया की याद में कार्यक्रम
यह कार्यक्रम 12 साल पहले दिल्ली में हुए विभत्स निर्भया कांड की याद में आयोजित किया गया, जिसने देश को झकझोर दिया था। इसमें बीएचयू के छात्र-छात्राओं और नागरिक समाज के लोगों ने भाग लिया। कार्यक्रम में महिलाओं के खिलाफ बढ़ती हिंसा पर आक्रोश जताते हुए समान अधिकार और सुरक्षा की मांग की गई।
कार्यक्रम की शुरुआत बीएचयू गेट पर महिलाओं की स्वतंत्रता और सुरक्षा के मुद्दों पर हुई चर्चा, कविताओं और गीतों से हुई। इसके बाद बीएचयू गेट से रविदास गेट होते हुए मशाल जुलूस निकाला गया।
महिलाओं के खिलाफ बढ़ती हिंसा पर चिंता
कार्यक्रम में बताया गया कि 2012 के बाद से महिलाओं के खिलाफ अपराध में लगातार वृद्धि हुई है। एनसीआरबी 2023 के आंकड़ों के अनुसार, बनारस में हर छठे दिन बलात्कार की घटना होती है। 2022 में यहां 18 साल से कम उम्र के 46 बच्चों और 61 महिलाओं के साथ दुष्कर्म के मामले दर्ज हुए।
राजनीतिक और प्रशासनिक असंवेदनशीलता पर सवाल
कार्यक्रम में यह भी कहा गया कि देश की राजनीति महिलाओं के सुरक्षा, रोजगार, स्वास्थ्य और शिक्षा जैसे अहम मुद्दों पर असंवेदनशील बनी हुई है। कठुआ, उन्नाव, बिलकिस बानो और हाथरस जैसे मामलों में सरकार पर अपराधियों को संरक्षण देने के आरोप लगाए गए।
सार्वजनिक स्थलों पर सुरक्षा की मांग
कार्यक्रम में उपस्थित छात्रों और नागरिकों ने सर्वाजनिक स्थानों को महिलाओं के लिए सुरक्षित बनाने की मांग की। वक्ताओं ने कहा कि महिलाओं का सड़कों पर बराबरी का हक है और इसे सुनिश्चित करना प्रशासन की जिम्मेदारी है।
इस आयोजन में हिमांशु कुमार, जागृति राही, इंदु, अर्शिया, शालिनी, सुजाता, कुसुम वर्मा, नीतू, प्रियंका समेत सैकड़ों छात्र-छात्राएं और नागरिक शामिल हुए।