Home वाराणसी वाराणसी: कम पेपर वर्क में लोन देने का झांसा देकर ठगी करने वाले तीन अरेस्ट, 100 से ज्यादा लोगों से की है ठगी

वाराणसी: कम पेपर वर्क में लोन देने का झांसा देकर ठगी करने वाले तीन अरेस्ट, 100 से ज्यादा लोगों से की है ठगी

by Bhadaini Mirror
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वाराणसी, भदैनी मिरर। नौकरी की तलाश करने वाले लोगों का डेटा लेकर उन्हें अपने फर्जी कंपनी का आईडी देकर उनके माध्यम से लोन के इच्छुक लोगों से फ्रॉड करने वाले कॉल सेंटर संचालक सहित तीन शातिर साइबर अपराधियों को वाराणसी साइबर क्राइम थाने की पुलिस ने नोएडा से गिरफ्तार किया है. उनके पास से भारी मात्रा मे मोबाइल, कागजात, लैपटाप व करीब देश भर के 10 हजार बेरोजगार युवाओं के डेटा मिले है. इसका खुलासा वाराणसी कमिश्नरेट की एडीसीपी श्रुति श्रीवास्तव और एसीपी गौरव कुमार ने किया है.

साढ़े पांच लाख के ठगी का था मुकदमा

एडीसीपी श्रुति श्रीवास्तव ने बताया कि 24 अक्टूबर को साइबर थाने पर गोसाईपुर (चोलापुर) निवासी ब्रिजेश यादव ने मुकदमा दर्ज करवाया था. जिसमें बताया गया कि साइबर अपराधियों ने उनका डेटा जाब प्रोवाइडर कम्पनी से प्राप्त कर उन्हे फाइनेंस 24 कम्पनी में सेल्स एग्जीक्यूटिव की नौकरी देकर उनके माध्यम से उनके मित्र रमेश प्रसाद प्रजापति, रवि कुमार, वरूण कुमार राय को लोन दिलाने के नाम पर रजिस्ट्रेशन फीस, आरटीजीएस चार्ज, एनओसी चार्ज आदि का हवाला देकर ₹ 5 लाख 65 हजार रूपये की साइबर ठगी की गई है.

100 लोगों से ऊपर लोग हुए है शिकार

एडीसीपी श्रुति श्रीवास्तव ने बताया कि एडीसीपी क्राइम गौरव कुमार की लीडरशिप में साइबर थाने के इंस्पेक्टर विजय नारायण मिश्र की टीम ने मूल निवासी शिव, धनगढी (नेपाल) निवासी दीपक बहोरा, हरीपुर, बरसठी( जौनपुर) निवासी जितेन्द्र कुमार पटेल, द्वारिकापुरी कालोनी( गोरखनाथ) मनोज कुमार गुप्ता को नोएडा से गिरफ्तार किया है. यह तीनों नोएडा गौतमबुद्ध नगर में अलग-अलग स्थानों पर कमरा लेकर रहते थे.
उन्होंने बताया कि यह नौकरी की तलाश करने वाले युवाओं से संपर्क कर अपने द्वारा बनाई कंपनी में जॉब देते थे. अपनी कंपनी का आईडी भेजकर कम पेपर वर्क में लोन दिलाने का सांझा देकर रजिस्ट्रेशन, आरटीजीएस और एनओसी चार्ज के नाम पर पैसे ऐंठ लेते थे. उसके बाद यह अपना मोबाइल बंद कर लेते थे. यह फर्जी पहचान पत्र और अकाउंट में पैसे मंगवाते थे. प्रारंभिक पूछताछ में पुलिस से गिरफ्तार आरोपियों ने करीब 100 से ज्यादा लोगों से फ्रॉड होने की बात स्वीकार की है.

विवेचना के बाद बनेगा गैंग चार्ट

एडीसीपी ने बताया कि हमें इनके पास से फर्जी मोहर, लैपटॉप, मोबाइल, क्यूआर कोड सहित कई चीजें साक्ष्य के तौर पर मिली है. विवेचना के क्रम में हम इनके बैंक ट्रांजेक्शन भी खंगालेंगे. इलेक्ट्रानिक और फाइनेंशियल साक्ष्यों के आधार पर इनके विरुद्ध गैंगस्टर की कार्रवाई भी अमल में लाई जाएगी. उन्होंने गिरफ्तार करने वाली पुलिस टीम को ₹ 15 हजार नगद पुरस्कार की घोषणा की.

इस खुलासे में साइबर थाने के निरीक्षक विजय नारायण मिश्र, दरोगा संजीव कन्नौजिया, दरोगा सतीश सिंह, हेड कांस्टेबल श्याम लाल गुप्ता, गोपाल चौहान, गौतम कुमार, कांस्टेबल चन्द्रशेखर यादव, अनिल यादव, अवनीश सिंह, देवेन्द्र यादव, दिलीप कुमार, मनीष कुमार सिंह, अंकित प्रजापति, महिला कांस्टेबल पुनीता यादव और कांस्टेबल ड्राइवर विजय कुमार शामिल रहे.

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