वाराणसी, भदैनी मिरर। काशी हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) के महिला महाविद्यालय के गृह विज्ञान विभाग ने 20-21 दिसंबर 2024 को “विकसित भारत 2047: सामुदायिक विज्ञान के द्वारा समुदायों को सशक्त बनाना” विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया, जिसका शनिवार को सफल समापन किया गया।
समापन सत्र के मुख्य अतिथि के रूप में प्रोफेसर दीपाली सिंघीं, प्राचार्या, जे. डी. बिरला संस्थान, कोलकाता और काशी हिंदू विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रोफेसर अरुण कुमार उपस्थित रहे। प्रोफेसर दीपाली सिंघीं ने अपने संबोधन में कहा कि सामुदायिक विज्ञान की विभिन्न शाखाएं नई शिक्षा नीति के उद्देश्यों को पूरा करने और 2047 तक विकसित भारत की परिकल्पना को साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि हर व्यक्ति को अपनी क्षमता को पहचानकर उसे सशक्त बनाने की दिशा में कार्य करना चाहिए।
प्रोफेसर अरुण कुमार ने कहा कि देश की आधी आबादी जब तक शिक्षित और समर्थ नहीं होगी, तब तक महिला सशक्तिकरण की बातें अधूरी रहेंगी। उन्होंने कहा कि हमें संविधान द्वारा दिए गए अधिकारों को समझने और उन्हें सही तरीके से उपयोग में लाने की आवश्यकता है। तभी समाज वास्तविक विकास की ओर अग्रसर होगा।
संगोष्ठी की मुख्य उपलब्धियां
गृह विज्ञान विभाग की विभागाध्यक्ष प्रोफेसर मुक्ता सिंह ने संगोष्ठी की विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत की। इस आयोजन में कुल 25 बेस्ट पेपर और बेस्ट पोस्टर अवॉर्ड्स वितरित किए गए। अतिथियों का स्वागत प्रोफेसर कल्पना गुप्ता ने किया और धन्यवाद ज्ञापन डॉ. प्रशंसा शर्मा ने प्रस्तुत किया।
आयोजन समिति और तकनीकी सत्र
इस आयोजन को सफल बनाने में गृह विज्ञान विभाग की आयोजन समिति की डॉ. पुष्पा मालवीय, डॉ. सुकन्या चक्रवर्ती और डॉ. प्रशंसा शर्मा सहित सभी शोध छात्राओं ने महत्वपूर्ण योगदान दिया। संगोष्ठी में देश के 8 राज्यों से प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। इसमें 12 तकनीकी सत्र आयोजित किए गए, जिनमें लगभग 300 शोध पत्र प्रस्तुत किए गए।
चेयरपर्सन और को-चेयरपर्सन के रूप में प्रोफेसर इंदिरा विश्नोई, प्रोफेसर संगीता देवड़िया, प्रोफेसर आम्रपाली त्रिवेदी, प्रोफेसर कल्पना अग्रवाल, प्रोफेसर गरिमा उपाध्याय, डॉ. अंशु शुक्ला, डॉ. प्रियंका, डॉ. आकृति मिश्रा, डॉ. इरा त्रिपाठी, डॉ. प्रिया केशरी और डॉ. ऋचा मिश्रा ने अपनी गरिमामयी उपस्थिति दर्ज कराई।