प्रयागराज। मकर संक्रांति पर होने वाले प्रथम शाही स्नान के लिए लंबे-विचार विमर्श के बाद नागा संन्यासियों, बैरागियों और उदासीन परंपरा के संतों के जुलूसों का समय निर्धारित कर लिया गया। सभी अखाड़ों के महंतों, प्रतिनिधियों और अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के पदाधिकारियों की मौजूदगी में शाही स्नान की रूपरेखा को अंतिम रूप दिया गया। अखाड़े संगम नोज में डुबकी लगाएंगे।
सबसे पहले महानिर्वाणी और अटल अखाड़े का जुलूस निकलेगा और सबसे पीछे चलेगा निर्मल अखाड़े का कारवां। परंपरा के अनुसार सभी अखाड़ों के शिविरों से निकलने और शाही स्नान के लिए घाट पर पहुंचने से लेकर स्नान करने तक का समय निर्धारित किया गया। रथों, बग्घियों, घोड़ों पर छत्र- चंवर के साथ साधु-संतों का पहला जुलूस सुबह 5:15 बजे निकलेगा। करीब तीन किमी रास्ते पर चलकर शाही स्नान संगम नोज पर होगा।
कुंभ मेला के पुलिस कार्यालय स्थित सभागार में अखाड़ा परिषद की शाही स्नान की रूपरेखा को मेला प्रशासन ने अंतिम रूप दिया। इसके अलावा रूट, स्थल और समय को लेकर संतों ने राय दी। 14 जनवरी को प्रथम शाही स्नान के जुलूसों के संगम पर आगमन, प्रस्थान के साथ ही स्नान के लिए समय का निर्धारण कर दिया गया।