वाराणसी: आशा ट्रस्ट द्वारा संचालित पैड बैंक में सामाजिक आशा ट्रस्ट के सहयोग से महावारी स्वच्छता अभियान के तहत एक अभिनव पहल शुरू की गई है। इस कार्यक्रम के तहत, विभिन्न लड़कियां जो स्वावलंबन प्रशिक्षण कार्यक्रम और अध्ययन केंद्र से जुड़ी हैं, अब सैनिटरी नैपकिन की सुविधा पा रही हैं।
पैड बैंक में 8 दर्जन से अधिक सदस्य जुड़ी हुई हैं, जो माहवारी के दौरान उचित स्वच्छता बनाए रखने के लिए यह सेवा ले रही हैं। पैड बैंक के प्रबंधक पद के चुनाव में सिलाई प्रशिक्षिका सरोज सिंह को अगले तीन माह के लिए प्रबंधक चुना गया। उनकी सहायता के लिए निक्की राजभर और सुनीता यादव को सहायक प्रबंधक नियुक्त किया गया। इस पैड बैंक का संचालन पिछले 6 महीनों से किया जा रहा है, जिसके तहत सभी सदस्य को सैनिटरी नैपकिन बेहद कम मूल्य पर उपलब्ध कराए जाते हैं। सदस्य अपनी मामूली अंशदान राशि के माध्यम से माह में तीन पैकेट सेनेटरी नैपकिन प्राप्त कर सकती हैं, जबकि शेष व्यय आशा ट्रस्ट द्वारा वहन किया जाता है।
प्रबंधक सरोज सिंह ने बताया कि ग्रामीण इलाकों में पैड की सहज उपलब्धता और संकोच के कारण कई लड़कियां इसका उपयोग नहीं कर पाती हैं। इस पहल से उन्हें आसानी से और कम कीमत पर पैड मिल रहे हैं, जिससे उनकी सेहत और स्वच्छता में सुधार हो रहा है।
आशा ट्रस्ट के समन्वयक वल्लभाचार्य पाण्डेय ने कहा कि, “ग्रामीण क्षेत्रों में सैनिटरी नैपकिन की उपलब्धता को सस्ता और सहज बनाना बहुत जरूरी है। इसके लिए प्रभावी नीति बनानी चाहिए।”
यह पहल ग्रामीण लड़कियों के लिए एक नया अवसर और आत्मनिर्भरता की दिशा में एक कदम है, जो उनकी सेहत को भी प्राथमिकता देती है।