Home Uncategorized DIGITAL अरेस्ट के नाम पर 10.47 लाख की धोखाधड़ी: 10 दिन में साइबर पुलिस ने वापस कराये पैसे, जान लें बचने की सावधानियां…

DIGITAL अरेस्ट के नाम पर 10.47 लाख की धोखाधड़ी: 10 दिन में साइबर पुलिस ने वापस कराये पैसे, जान लें बचने की सावधानियां…

by Bhadaini Mirror
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वाराणसी, भदैनी मिरर। जनता को ठगने का साइबर फ्रॉड हर दिन कुछ न कुछ नई तकनीक की तलाश कर रहे है. तजा मामला है सुसवाही (चितईपुर) निवासी राम नरेश सिंह के साथ, उनको 9 मई की समय सुबह 08.45 पर Fedex डिलीवरी कंपनी के नाम पर उन्हें वीडियो, व्हाट्सअप पर फोन आया. पहले राम नरेश के नाम पर पार्सल की बात कहकर कॉल को साइबर क्राइम मुंबई के नाम पर अन्य किसी को ट्रांसफर करके द्वरा कर बैंक वैरिफाई करने के नाम पर 10,47,808 रूपये का वाचड़ी कर लिया गया. जिसके बाद पीड़ित ने 13 मई को साइबर थाना में प्राथमिकी दर्ज की गई.

साइबर क्राइम थाना वाराणसी टीम ने राम नरेश सिंह के बैंक के नोडल अधिकारी का सहयोग लेते हुए व संबन्धित बैंक के नोडल अधिकारी जिस खाते में पैसा गया था उससे भी साइबर तकनीकी व ट्रिक का प्रयोग करते हुए लगातार प्रभावी पत्राचार व वार्तालाप करते हुए पूरी धनराशि वापस करवाते हुए बेनिफिसियरी खाते को सीज कराया गया था इस कार्य में प्रभारी निरीक्षक साइबर थाना विजय नारायण मिश्र, इन्स्पेक्टर राकेश कुमार गौतम, एच.सी. (ए.ए.) श्याम लाल गुप्ता तकनीकी सहायक शामिल रहे.

क्या होता है DIGITAL ARREST

इस फ्राड में आपको एक कम्प्यूटर जनरेटेड वायस काल आती है या फिर नार्मल काल आती है और बताया जाता है जो आपका पार्सल जा रहा था कैंसिल हो गया है. अधिक जानकारी के लिये के लिये हमारे कस्टमर केयर अधिकारी से बात कीजिये. यहा पर जैसे ही काल कनेक्ट की जाती है उनके द्वारा बताया है जाता है कि आपके सामान में गैरकानूनी सामान था या फिर कोई सामान ले के जा रहा था जिसमें आपके नाम का आधार और सिम कार्ड लगा है अगर आपको लगता है कि आपके आधार या सिम कार्ड का दुरूपयोग हुआ है तो आपकी तुरन्त एफ. आई. आर. की गई तो आपको जेल भेज दिया जायेगा। फिर वहा से अपना एविडेंस देते रहिएगा तो पीड़ित
को लगता है कि यहीं पर हम अपनी एफआईआर दर्ज करा दें, तो सामने वाला कस्टमर केयर अधिकारी बताता है कि ये हाई सिक्योरिटी का मामला है सारी बाते गोपनीय रखियेगा, किसी से अभी शेयर नहीं किजिएगा और आपको विडियो कालिंग एप स्काइप डाउनलोड करा दिया जाता है. सामने फर्जी पुलिस वाले वर्दी में बैठे होते है और वो आपका एफ.आई. आर लिखना चालू करते है जैसे अपनी घटना बताते है कि आधार या सिम कार्ड गलत यूज हुआ है और अपना नाम पता बताते है तभी फर्जी पुलिस के तरफ से बैकग्राउंड से आवाज आने लगती है कि इसका नाम मनी लांड्रिंग में स्मलिंग भी नाम आया है और फर्जी पुलिस वाला कहता है कि आपको लाइन पर बने रहना होगा क्योंकि आपका नाम और भी हमारे कैस आया है जब तक जांच पूरी नहीं होती आप कैमरे के सामने बने रहेंगे. मनी लॉन्ड्रिंग वरिफाई करने के लिये आप को अपने खाते की डिटेल और बैंक बैलेंस दिखाना होगा अब जैसे ही पीड़ित दिखाता है कि खाते में इतना बैलेंस है तो कहते है ये पैसे आपको हमारे सुरक्षित आरबीआई के खाते में ट्रांसफर करना होगा पैसे वरिफाई कर ये पैसे आपको रिटर्न कर दिये जाएंगे, पीड़ित डर कर पैसे भेज देता है जो आरबीआई का ना होकर साइबर अपराधी का खाता होता है फिर पाहा पाता है कि हमारे आरबीआई के डिटेल में शो हो रहा है कि आपका और भी खाता है, टेडिंग अंकाउंट भी है जल्दी से जल्दी ये पैसे आप आरबीआई के वैलेट में भेजिये और फिर ऐसे ही बातों से डराकर लाखों करोड़ो रूपये ले लेते है और पुरे पैसे जाने के बाद एहसास होता है कि आपके साथ साइबर ठगी हुयी.

सावधानियां व बचाव…

अगर कोई आपको पुलिस या सीबीआइ अधिकारी बनकर डिजिटल तौर पर गिरफ्तार करने की धमकी देता है, तो सबसे पहले आपको अपने परिवार के सदस्यों या दोस्तों को सूचित करना चाहिए। तुरंत नजदीकी पुलिस स्टेशन में जाकर इसकी शिकायत करानी चाहिए, इस बात से नहीं डरना चाहिए कि पुलिस आपके खिलाफ कोई एक्शन लेगी. सामान्य तौर पर पुलिस या कोई भी जांच एजेंसी आपको कॉल करके धमकी नहीं देगी इसके तूनी प्रक्रिया होती है और उसी के तहत उसे पूरा किया जाता है जिसमें आपका लोकल पुलिस स्टेशन के अधिकारी शामिल होते है और आपके घर पर पुलिस भौतिक रूप से जरूर आती है, अगर आपको कोई डराने या धमकाने का ऐसा कॉल आता है तो तुरंत आप उसकी सूचना पुलिस को दे दें, अगर कोई आपको किसी खास एजेंसी जैसे सीबीआई या इनकम टैक्स डिपार्टमेंट / ट्राई का अधिकारी बात कर बात कर रहा है तो आप उस एजेंसी के नंबर पर कॉल करके इस बात की जानकारी दे सकते हैं और उनसे मदद मांग सकते हैं. सबसे जरूरी बात जब कोई आपको कॉल पर आपसे पैसों की मांग करे तो आपको पैसे ट्रांसफर नहीं करने हैं, निजी जानकारी अथवा बैंक संबन्धित कोई भी जानकारी बिल्कुल भी शेयर ना करें और और न ही आपको बैंक अकाउंट या कार्ड डिटेल शेयर करनी है. खुद को स्कैम और फ्रॉड जैसी घटनाओं से अपडेट रखें ताकि अगर कोई आपके साथ ऐसा कुछ भी करने का ट्राई करे तो आप पहले से ही अलर्ट हो और कोई आपको नुकसान न पहुंच पाए.
अगर इसके बावजूद आपके साथ साइबर फ्रॉड हो जाता है तो आप 1930 नेशनल साइबर क्राइम हेल्पलाइन पर कॉल करके तुरंत इस बात की शिकायत दर्ज कराएं या https://cybercrime.gov.in/ अथवा https://sancharsaathi.gov.in/ पर रिपोर्ट करें, साथ ही सोशल मीडिया साइट एक्स पर @cyberdost के माध्यम से भी शिकायत दर्ज करा सकते हैं।

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