Home वाराणसी डिजिटल अरेस्ट व डिजिटल थाना की व्यवस्था पूरे विश्व में कहीं पर नहीं, फर्जी कॉल की पुलिस को दें सूचना : सीपी

डिजिटल अरेस्ट व डिजिटल थाना की व्यवस्था पूरे विश्व में कहीं पर नहीं, फर्जी कॉल की पुलिस को दें सूचना : सीपी

साइबर फ्रॉड से बचने का पुलिस कमिश्नर ने बताए टिप्स

by Bhadaini Mirror
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वाराणसी, भदैनी मिरर। वाराणसी पुलिस व पिरामल फाइनेंस के संयुक्त दस दिवसीय साइबर फ्रॉड से सुरक्षा व साइबर जागरूकता कार्यक्रम का पुलिस कमिश्नर (सीपी ) मोहित अग्रवाल ने उद्घाटन किया. इस दौरान उन्होंने साइबर फ्रॉड से बचने के टिप्स दिए. उन्होंने कहा कि जब आप लालच में पड़ते है, तभी साइबर फ्रॉड आपको निशाना बनाते है. उन्होंने कहा कि इस फ्रॉड से जनता को बचाने के लिए मीडिया की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है.

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पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल ने कहा कि साइबर अपराध का डायनामिक स्वरूप उसे नयी-नयी विधाओं जैसे ओटीपी शेवरिंग, सेक्सटॉर्शन, इनवेस्टमेन्ट फ्रॉड और डिजिटल अरेस्ट आदि इसकी जटिलता को बढ़ाते हैं. जागरूकता ही साइबर धोखाधड़ी से होने वाले वित्तीय नुकसान और भावनात्मक संकट से बचाव की एक मजबूत नींव है. “Cyber Security Awareness Cell” निरन्तर शिक्षण संस्थाओं में साइबर जागरूकता अभियान चलाकर साइबर अपराधों के संबंध में जागरूक कर रही है.

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इस तरह से करते है साइबर फ्रॉड –

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इनवेस्टमेन्ट कर धन दो गुना करने या अधिक धन लाभ।

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टास्क (लाइक, कमेन्ट, रिव्यू व रेटिंग आदि) देकर पैसा कमाने का लालच।

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गेमिंग एप के जरिए अधिक धन प्राप्त करने का लालच ।

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गैस, बिजली आदि बिलों का घर बैठे भुगतान में छूट देने का लालच।

तुरन्त कमाई का लालच देने वाले एप्स व ऑनलाइन फर्जी विज्ञापन के आधार पर- ऑनलाइन लोन देने का लालच

फर्जी पुलिस, सीबीआई, ईडी, आरबीआई, ट्राई, एयरपोर्ट अथॉरिटी, आईवी, कस्टम अधिकारी बन हाउस अरेस्ट की बात कहकर

सेक्सटॉर्शन के माध्यम से सोशल मीडिया के माध्यम से फोटो/वीडियो वारयल  करने की धमकी देना

चाइल्ड पॉर्नोग्राफी देखने का झूठा आरोप लगाकर

पार्सल में नारकोटिक सामग्री की बरामदी की बात कहकर

अपने किसी नजदीकी परिजन / परिचित का दुर्घटना/अपराध में पकड़े जाने की बात कहकर

आमजन साइबर अवेयरनेस के माध्यम से वित्तीय फ्रॉड व भावनात्मक संकट से अपना व अपने परिजनों का बचाव कर सकते हैं-

डिजिटल अरेस्ट व डिजिटल थाना की व्यवस्था पूरे विश्व में कहीं पर नहीं है। अतः इस तरह की फर्जी कॉल पर भरोसा न करें। अनवेरिफाइड/अज्ञात लिंक/ स्रोतों से एप्स डाउनलोड करने से बचें। ऑनलाइन आकर्षक रिटर्न के ऑफर पर भरोसा न करें। कभी भी स्पैम इमेल का जवाब न दें या उसमें आये हुए लिंक पर क्लिक न करें।ऑनलाइन लोन से बचें। हमेशा आरवीआई द्वारा स्वीकृत एप्स व कम्पनियों को प्राथमिकता दें।मजबूत ई-मेल पासवर्ड का प्रयोग करें, उन्हें समय-समय पर बदलें।अन्जान नम्बरों से आये वीडियो कॉल को कत्तई न उठायें व अभद्र व अश्लील अनुरोध को स्वीकार न करें।ऑनलाइन शॉपिंग, इन्टरनेट बैंकिग, यूपीआई आदि जैसे वित्तीय लेन-देन के लिए किसी भी सार्वजनिक या वाई-फाई का प्रयोग न करें।ई-मेल, चैट या किसी अन्य इलेक्ट्रॉनिक कम्यूनिकेशन के जरिए पासवर्ड व ओटीपी शेयर न करें।बैंकिग संवेदनशील साइटों के लिए Remember my password विकल्प कभी न चुनें।सोशल मीडिया पर अपनी निजी सूचना, फोटो और वीडियो सिर्फ भरोसेमंद लोगों के साथ शेयर करें। प्राइवेसी सेटिंग से खुद को करें सुरक्षित।➤ किसी भी साइबर अपराध की शिकायत के लिए https://cybercrime.gov.in पर अथवा साइबर हेल्प लाइन 1930 पर कॉल करें, अपने नजदीकी पुलिस स्टेशन से भी सम्पर्क कर सकते है।

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