वाराणसी। उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सुबह के समय लाउडस्पीकर के उपयोग को लेकर सख्त रुख अपनाया है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के तहत लाउडस्पीकर से संबंधित नियमों का पालन सुनिश्चित करने के लिए कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं। इसी क्रम में सत्या फाउंडेशन ने मुख्यमंत्री को एक पत्र भेजकर ध्वनि प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए राज्य सरकार से कुछ स्पष्ट दिशा-निर्देश मांगे हैं।
फाउंडेशन ने इस पत्र में विशेष रूप से धार्मिक स्थलों, सार्वजनिक कार्यक्रमों और अन्य आयोजनों में लाउडस्पीकर और ध्वनि उपकरणों के उपयोग पर सरकार से कड़े आदेश देने की अपील की है। संस्था ने मुख्यमंत्री से यह पूछा है कि उन्होंने पुलिस बल को डेसीबल मापने के उपकरणों और विधियों के बारे में क्या जानकारी दी है, साथ ही क्या उन्होंने उड़ाका दल (Flying Squad) का गठन किया है ताकि कानून का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जा सके।
इसके साथ ही, सत्या फाउंडेशन ने यह भी जिक्र किया कि उत्तर प्रदेश के कई क्षेत्रों में रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक लाउडस्पीकर और अन्य ध्वनि उपकरणों का उपयोग पूरी तरह से निषेध होना चाहिए और इसके लिए पुलिस को निर्देशित किया जाना चाहिए।
फाउंडेशन ने यह भी कहा कि धार्मिक स्थानों के लाउडस्पीकर की ऊंचाई और दिशा को लेकर दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश को पूरे राज्य में लागू किया जाना चाहिए, जिससे ध्वनि प्रदूषण में कमी आ सके। इसके अलावा, संस्था ने यह भी सवाल उठाया कि क्यों कई धार्मिक और सार्वजनिक आयोजनों में रात के समय अनुमति दी जाती है और पुलिस हस्तक्षेप नहीं करती।
सत्या फाउंडेशन ने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया कि इस मुद्दे पर सख्ती से कार्रवाई की जाए और इसके लिए पुलिस और प्रशासन को प्रभावी प्रशिक्षण दिया जाए, ताकि रात 10 बजे के बाद लाउडस्पीकर का प्रयोग पूरी तरह से बंद हो सके। फाउंडेशन का मानना है कि यह कदम उत्तर प्रदेश में शांति और स्वच्छता बनाए रखने में सहायक साबित होगा, और लोगों को रात के समय शांतिपूर्ण वातावरण में सोने की सुविधा मिलेगी।
सत्या फाउंडेशन ने आगे कहा है कि वह इस दिशा में जागरूकता अभियान जारी रखने के लिए तत्पर है और इस मुद्दे पर कार्य करने के लिए सरकार के साथ मिलकर काम करेगी।