बीते कुछ वर्षों में काशी में तेजी से बढ़ा हुक्का बार का ट्रेंड,महमूरगंज के एक रेस्टोरेंट से शुरू हुआ सिलसिला कैसे बन गया पूरे शहर में नशे का जाल!




वाराणसी। काशी, जिसे पूरी दुनिया उसकी संस्कृति, आध्यात्म और ऐतिहासिक विरासत के लिए जानती है, आज ये नशे के लिए जानी जा रही है। दरअसल, बीते कुछ वर्षों में बनारस में हुक्का बार (Hookah Bar) का ट्रेंड तेजी से बढ़ा है, जो कि यहां के युवाओं को नशे की गर्त में खींच रहा है। इसकी शुरुआत एक प्रसिद्ध उद्यमी ने की थी, जिसने महमूरगंज स्थित अपने रेस्टोरेंट को इस धंधे का अड्डा बना दिया। धीरे-धीरे यह मॉडल इतना लाभदायक साबित हुआ कि लंका, मलदहिया, रथयात्रा और सारनाथ जैसे क्षेत्रों में भी इसके केंद्र खुलते चले गए।

हुक्का बार: नशे का नया अड्डा, युवाओं को बना रहे शिकार
इन हुक्का बारों में लड़के-लड़कियों का बेरोकटोक आना-जाना आम हो गया था। यहां मिलने वाले नशीले फ्लेवर, चमक-दमक और तथाकथित 'कूल' माहौल ने युवाओं को बुरी तरह आकर्षित किया। स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होने के बावजूद, युवा वर्ग इस जाल में फंसता चला जा रहा है।

पुलिस की चुप्पी: सवालों के घेरे में
हालांकि हाल में हुई एक बड़ी घटना के चलते इन हुक्का बारों पर कुछ समय के लिए रोक लगी है, लेकिन स्थानीय लोगों का मानना है कि यह अस्थायी विराम है। जल्द ही यह कारोबार फिर से पटरी पर लौट आएगा, क्योंकि प्रशासन की चुप्पी और सख्ती की कमी इस धंधे को पनपने का मौका देती है।

मुनाफे की अंधी दौड़
हुक्का बार चलाने वाले इसे घाटे का सौदा नहीं मानते। महंगे फ्लेवर, आकर्षक सेटअप और लगातार बढ़ती डिमांड ने इसे एक मुनाफे वाला व्यापार बना दिया है। एक जानकार के अनुसार, इसमें कमाई की कोई सीमा नहीं और यही वजह है कि लोग बेखौफ निवेश कर रहे हैं।

