वाराणसी। ग्राम रमना में 50 केएलडी का को-ट्रीटमेंट प्लांट जनता के उपयोग के लिए तैयार हो गया है। उत्तर प्रदेश सरकार ने वाराणसी में यह प्लांट स्थापित करने की जिम्मेदारी उत्तर प्रदेश जल निगम को दी थी, जिसे जल निगम ने तैयार करके नगर निगम के संचालन को सौंप दिया। 7 जनवरी को नगर निगम, वाराणसी के कार्यकारिणी सदस्यों और 70 पार्षदों ने जलकल विभाग द्वारा आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला में भाग लिया, जिसमें फीकल स्लज ट्रांसपोर्टेशन और सेप्टिक मैनेजमेंट से संबंधित मुद्दों पर चर्चा की गई। इस कार्यशाला में दिल्ली से आए वैज्ञानिकों ने प्लांट की उपयोगिता पर प्रकाश डाला। उसके बाद, सभी पार्षदों ने को-ट्रीटमेंट प्लांट का निरीक्षण किया।
को-ट्रीटमेंट प्लांट की मुख्य विशेषताएं:
- फीकल स्लज ट्रांसपोर्टेशन और सेप्टिक मैनेजमेंट के लिए यह सेवा नागरिकों को सुरक्षित और उचित मूल्य पर उपलब्ध है।
- घरों से निकलने वाले सीवर स्लज का निस्तारण वैज्ञानिक तरीके से किया जाएगा।
- सीवर स्लज के ठोस कचरे से कम्पोस्ट तैयार किया जाएगा, जो किसानों के लिए उर्वरक के रूप में उपयोगी होगा।
- वाराणसी के उन क्षेत्रों में जहां सीवर लाइन नहीं है, और जिन घरों में सेप्टिक टैंक हैं, वहां उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा 9 छोटी ट्रैक्टर माउंटेड मशीनें उपलब्ध कराई गई हैं, जो वैज्ञानिक विधि से सेप्टिक टैंक की सफाई करेगी।
- जलकल विभाग के द्वारा सीवर टैंक सफाई करने वाली संस्थाओं का पंजीकरण किया जाएगा, और इस कार्य के लिए न्यूनतम शुल्क तय किया जाएगा, जिससे भवन मालिकों को लाभ होगा।
- नगर निगम, वाराणसी द्वारा इस योजना के उपविधियों का निर्धारण किया जा रहा है, जिन्हें शीघ्र लागू किया जाएगा।
- यदि किसी संस्था द्वारा अनधिकृत रूप से सेप्टिक टैंक से निकलने वाले स्लज को खुले में या नाली में बहाया जाता है, तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
- जिन घरों में सीवर लाइन नहीं है और सेप्टिक टैंक है, उनके मालिकों से अपील की जाती है कि वे सेप्टिक टैंक की सफाई के लिए टोल-फ्री नंबर 1533 और नेशनल हेल्पलाइन 14420 पर संपर्क करें, ताकि उन्हें उचित मूल्य पर सुविधाजनक सेवाएं मिल सकें।
कार्यशाला और निरीक्षण के दौरान जलकल महाप्रबंधक अनूप सिंह, सचिव श्री ओ.पी. सिंह, जलकल विभाग के सभी अधिशासी अभियंता, सहायक अभियंता और अवर अभियंता उपस्थित थे।