प्रयागराज: महाकुंभ-2025 का आयोजन प्रयागराज में 12 वर्षों बाद होने जा रहा है और इस बार यह धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर का अद्वितीय प्रतीक बनने के लिए तैयार किया गया है। प्रदेश के आयुष, खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार डॉ. दयाशंकर मिश्र “दयालु” ने महाकुंभ के आयोजन की तैयारियों के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
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डॉ. दयाशंकर मिश्र ने कहा कि महाकुंभ-2025 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में डिजिटल युग का अद्भुत उदाहरण बनाने की योजना है। इस महापर्व में स्नान, ध्यान, ठहरने और चिकित्सा जैसी सभी सुविधाओं को तकनीकी और आधुनिक दृष्टिकोण से व्यवस्थित किया गया है। इस आयोजन का उद्देश्य भारत की सांस्कृतिक विविधता और “वसुधैव कुटुंबकम” के दर्शन को समर्पित करना है।
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आयुर्वेद और होम्योपैथी से स्वास्थ्य लाभ
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महाकुंभ-2025 में श्रद्धालुओं के स्वास्थ्य के लिए आयुर्वेद और होम्योपैथी चिकित्सा सुविधाओं का विशेष प्रबंध किया गया है। मेला क्षेत्र में कुल 20 अस्थाई चिकित्सालयों की स्थापना की जाएगी, जिनमें 10 होम्योपैथी और 10 आयुर्वेद के चिकित्सालय शामिल होंगे। इन चिकित्सालयों में 40 होम्योपैथी चिकित्साधिकारी, 28 आयुर्वेद चिकित्साधिकारी और 50 से अधिक फार्मासिस्ट सेवाएं देंगे।
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इसके अलावा, आयुर्वेद और होम्योपैथिक चिकित्सालयों के अलावा आयुष जागरूकता और उपचार के लिए बड़े आध्यात्मिक पंडालों में चिकित्सा कैम्प भी आयोजित किए जाएंगे।
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योग शिविर और आयुष विभाग की भूमिका
मोरारजी देसाई राष्ट्रीय योग संस्थान, नई दिल्ली की 5 सदस्यीय विशेषज्ञ टीम महाकुंभ में योग प्रदर्शन करने के लिए आएगी। यह टीम प्रमुख सांस्कृतिक और धार्मिक पंडालों में योग का प्रदर्शन करेगी, साथ ही आयुर्वेद और होम्योपैथिक चिकित्सालयों में भी योग की क्रियाओं का प्रदर्शन करेगी।
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आयुष विभाग के अनुसार, इस महापर्व में आयुष मंत्रालय, नेशनल आयुष मिशन और उत्तर प्रदेश के आयुष विभाग द्वारा औषधीय पौधों का प्रदर्शन किया जाएगा और कृषकों को औषधीय पौधों की खेती और विपणन से संबंधित जानकारी प्रदान की जाएगी।
महाकुंभ-2025 के इस अद्वितीय आयोजन में आयुष विभाग अपनी पूरी क्षमता के साथ स्वास्थ्य अर्जन और पवित्रता को सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।