लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़ा कदम उठाते हुए PCS अधिकारी गणेश प्रसाद सिंह को बर्खास्त कर दिया है। इसके अलावा, PCS अधिकारी आशीष कुमार और मदन कुमार को सस्पेंड कर दिया गया है।
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गणेश प्रसाद सिंह पर जौनपुर में मुख्य राजस्व अधिकारी रहते हुए वित्तीय अनियमितता के गंभीर आरोप लगे थे। वहीं, आशीष कुमार और मदन कुमार पर बरेली-सितारगंज फोरलेन और रिंग रोड भूमि अधिग्रहण घोटाले में शामिल होने के आरोप हैं। दोनों को राजस्व परिषद से अटैच कर दिया गया है।
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PCS अधिकारियों पर लगे आरोप और कार्रवाई
- गणेश प्रसाद सिंह – जहां तैनाती, वहां भ्रष्टाचार
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2011 बैच के PCS अधिकारी गणेश प्रसाद सिंह सितंबर 2014 से मार्च 2018 तक कुशीनगर में तैनात थे। इस दौरान ग्राम समाज की जमीन के पट्टों में नियमों के उल्लंघन और भ्रष्टाचार के आरोप लगे। दिसंबर 2022 में उन्हें जौनपुर का मुख्य राजस्व अधिकारी बनाया गया, जहां भी वित्तीय अनियमितताओं और सरकारी कामकाज में गड़बड़ी के आरोप लगे।
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अक्टूबर 2023 में सस्पेंड कर राजस्व परिषद से अटैच किया गया था। जांच में आरोप साबित होने के बाद अब उन्हें बर्खास्त कर दिया गया।
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- मदन कुमार – भूमि अधिग्रहण में भारी अनियमितता
मदन कुमार 2021 में बरेली के नगर मजिस्ट्रेट थे और उनके पास विशेष भूमि अध्यापित अधिकारी का अतिरिक्त प्रभार भी था।
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सितारगंज फोरलेन हाईवे के भूमि अधिग्रहण मूल्यांकन में अनियमितता के आरोप लगे। अधिग्रहण प्रक्रिया में बड़े पैमाने पर घोटाला किया गया। वर्तमान में मऊ जिले में मुख्य राजस्व अधिकारी थे, लेकिन भ्रष्टाचार उजागर होने के बाद सस्पेंड कर दिया गया।
- आशीष कुमार – पेशेवर खरीदारों से मिलीभगत कर गड़बड़ी
PCS अधिकारी आशीष कुमार, जो वर्तमान में मऊ में मुख्य राजस्व अधिकारी थे, 2021 में बरेली में विशेष भूमि अध्यापित अधिकारी के रूप में तैनात थे।
उन्होंने मदन कुमार के साथ मिलकर भूमि अधिग्रहण मूल्यांकन में हेरफेर किया। पेशेवर खरीदारों से सांठगांठ कर घोटाला किया। जांच में दोषी पाए जाने पर सस्पेंड कर दिया गया।
बरेली भूमि अधिग्रहण घोटाला कैसे उजागर हुआ?
जून 2024 में एनएचएआई के नए प्रोजेक्ट डायरेक्टर प्रशांत दुबे का बरेली ट्रांसफर हुआ। उन्होंने निर्माणाधीन हाईवे का निरीक्षण किया और अनियमितताओं पर सवाल उठाए। अपने स्तर पर जांच की तो मामला खुलकर सामने आया। कमिश्नर की जांच में मदन और आशीष कुमार सहित 22 अधिकारी दोषी पाए गए।
योगी सरकार की कड़ी कार्रवाई जारी
सीएम योगी आदित्यनाथ भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त नीति अपना रहे हैं। इससे पहले भी कई अधिकारियों पर कार्रवाई की जा चुकी है। इस ताजा कदम से प्रशासनिक स्तर पर बड़ा संदेश गया है कि भ्रष्टाचार किसी भी स्तर पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।