वाराणसी,भदैनी मिरर। पंडित दीन दयाल उपाध्याय अस्पताल राजकीय चिकित्सालय के सीएमएस डा. दिग्विजय सिंह को पद से हटाने के लिए चिकित्सकों और पैरामेडिकल स्टाफों ने लड़ाई तेज कर दी है. शुक्रवार को पंडित दीन दयाल उपाध्याय राजकीय चिकित्सालय संघर्ष समिति के बैनर तले चिकित्सकों और पैरामेडिकल स्टाफ ने पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र पहुंचकर पीएम को पत्र भेजा. कहा कि अब पीएम मोदी से ही न्याय की उम्मीद है.
डॉक्टर पीके सिंह ने बताया कि सीएमएस के दुर्व्यवहारपूर्ण, अभद्र भाषा के प्रयोग एवं प्रताड़ना के कारण उनको हटाये जाने के एक सूत्रीय माँग को लेकर हम अब विरोध करने के साथ ही धरना भी दे रहे है. धरना से पूर्व 73 कर्मचारियों के हस्ताक्षरयुक्त पत्रक जिलाधिकारी वाराणसी एवं अन्य उच्चाधिकारियों को भेजा गया था, लेकिन अब तक कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया है.
हर पांच दिनों में सेवाओं का बहिष्कार
पत्र के माध्यम से बताया गया है कि चिकित्सालय के चिकित्सकों, पैरामेडिकल स्टाफ, फार्मासिस्ट से लेकर स्वीपर तक सीएमएस के दुर्व्यवहार से पीड़ित है. यहां तक कि महिला कर्मचारियों से अभद्र भाषा का इस्तेमाल कर वार्ता की जाती है. चिकित्सकों ने कहा कि डेढ़ सालों से हम मुख्य चिकित्सा अधीक्षक के तानाशाहीपूर्व रवैया को झेल रहे है. हमने 9 जनवरी से वाराणसी आगमन पर वीआईपी ड्यूटी का बहिष्कार किया है और हर पाँचवे दिन एक-एक सेवाओं का बहिष्कार होगा. अगले चरण में चिकित्सक पीएम ड्यूटी, वार्ड ड्यूटी, एवं दो घंटे के ओपीडी का भी बहिष्कार करेंगे.
डॉ० प्रीतेश जायसवाल ने कहा कि पंडित दीन दयाल उपाध्याय राजकीय चिकित्सालय सभी मापदण्डों पर उत्तर प्रदेश में प्रथम स्थान पर रहा है. राष्ट्रीय स्तर की कमेटी द्वारा इस चिकित्सालय का मूल्यांकन करके उत्कृष्टता का प्रमाणपत्र दिया गया. यह चिकित्सालय विगत डेंढ वर्षों से प्रदेश के 32वें स्थान पर है. यह इस चिकित्सालय के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक की अक्षमता एवं अव्यवहारिक निर्णयों के कारण हुआ है.
चिकित्सकों के पीएम मोदी के संसदीय कार्यालय पहुंचने की सूचना पर स्थानीय पुलिस के साथ एलआईयू भी सतर्क रही.