Home वाराणसी पहले नौजवान-महिला और गरीब बोर्ड बनाएं: संत रविदास जन्मस्थली पहुंचे चंद्रशेखर आज बोले-BJP के लोग संविधान पर न करें डिबेट

पहले नौजवान-महिला और गरीब बोर्ड बनाएं: संत रविदास जन्मस्थली पहुंचे चंद्रशेखर आज बोले-BJP के लोग संविधान पर न करें डिबेट

by Bhadaini Mirror
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वाराणसी, भदैनी मिरर। भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद बुधवार को वाराणसी के सिर गोवर्धनपुर पहुंचकर संत रविदास जी की जन्मस्थली पर मत्था टेका. इस दौरान उन्होंने सरकार पर जमकर निशाना साधा. कहा कि पार्लियामेंट पर सवाल उठाने और पीएम नरेन्द्र मोदी और सीएम योगी आदित्यनाथ को चिट्ठी लिखने के बाद सार्वजनिक अवकाश घोषित किया गया. जानबूझकर शोभा यात्रा और कीर्तन की परमिशन नहीं दी गई है. यह सब सतगुरु रविदास जी महाराज और उनके करोड़ो अनुयायियों का अपमान है. इसे हम कदापि नहीं भूलेंगे.

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भाजपा के लोग संविधान पर न करें डिबेट

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भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) द्वारा संविधान को लेकर विपक्षियों पर राजनीति करने के आरोप के सवाल पर नगीना से सांसद चंद्रशेखर आजाद ने कहा कि जब संविधान बना तो वर्तमान सरकार का कोई भी आदमी संविधान के फेवर में भी नहीं था और न ही संविधान सभा में शामिल था. यह डॉक्टर बाबासाहेब अंबेडकर और उनके साथियों की देन है कि आज देश का संविधान आपको मुझे और हर व्यक्ति को अवसर दे रहा है. संविधान पर भाजपा के लोग डिबेट न ही करें तो अच्छा है.उन्होंने कहा महाकुंभ के दौरान अव्यवस्था है. जनता अपनी पीड़ा कह रही है. इतना पैसा खर्च होने के बाद भी व्यवस्थाएं ठीक न हो तो सवाल तो उठेगा ही. बस हम यह चाहते है कि सरकार अपनी जिम्मेदारी सही से अदा करें.

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नौजवान बोर्ड बना दें

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चंद्रशेखर ने सनातन बोर्ड बनाने की मांग पर जवाब देते हुए कहा कि यह तो पूरी सरकार सनातन के पक्ष में खड़ी है. पहले नौजवानों के लिए एक बोर्ड बना दो ताकि उन्हें रोजगार मिल जाए. महिलाओं के लिए भी एक बोर्ड बना दो ताकि उनके साथ रेप-हत्या हो रही है वह बंद हो जाए. एक और बोर्ड गरीबों के लिए बनने चाहिए ताकि गरीबों के पेट तक रोटी पहुंच जाए. जब जनता के हित के काम हो जाए फिर किसी बोर्ड के बारे में सोच लेना.

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बिना गम के राज को लाने के लिए प्रयास

चंद्रशेखर आजाद ने कहा कि सतगुरु रविदास जी महाराज का प्रकाश पर्व आज पूरी दुनिया में मनाया जा रहा है. मैं हमेशा काशी आता हूं नतमस्तक होने क्योंकि यह उनकी जन्मस्थली है सीर गोवर्धनपुर और उन्होंने अपनी शिक्षा और दीक्षा के मार्ग परचलकर मानवतावादी बेगमपुर राज, बिना गम का राज लाने के लिए, जहां किसी की जिंदगी में कोई परेशानी ना हो सब कुशल हो ऐसा राज की कल्पना जो 600 साल पहले महाराज जी ने की उसी बात को आगे बढ़ाने के लिए हम लोग दिन-रात मेहनत कर रहे हैं. और आज उसी कड़ी को मजबूत करने के लिए यहां आए है.

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