Home वाराणसी दृढ़ इच्छाशक्ति और सही उपचार से सोनी और गुलशन ने टीबी को दी मात, अब दूसरों को करेंगे जागरूक

दृढ़ इच्छाशक्ति और सही उपचार से सोनी और गुलशन ने टीबी को दी मात, अब दूसरों को करेंगे जागरूक

by Ankita Yadav
0 comments

वाराणसी। चिरईगांव के सलारपुर निवासी सोनी कुमारी और हरहुआ की गुलशन विश्वकर्मा ने अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति और सही उपचार से टीबी को मात दी है। अब ये दोनों अपनी कहानी साझा करके और लोगों को प्रेरित करके टीबी के प्रति जागरूकता फैलाने का कार्य करेंगी।

Ad Image
Ad Image

सोनी की कहानी:

28 वर्षीय सोनी कुमारी ने बताया कि टीबी का इलाज चलने के दौरान उन्हें पीठ में दर्द की समस्या बनी हुई थी। वर्ल्ड हेल्थ पार्टनर संस्था के जिला समन्वयक सतीश सिंह ने उनकी स्थिति पर ध्यान दिया और उन्हें जिला चिकित्सालय में डॉक्टर अभिषेक राय से दोबारा परामर्श लेने की सलाह दी। डॉक्टर की देखरेख में नियमित दवा और जरूरी दिशा-निर्देशों का पालन करने के बाद सोनी पूरी तरह ठीक हो गईं। अब वे न केवल अपनी दवा लेने स्वयं अस्पताल जाती हैं, बल्कि अन्य टीबी मरीजों की काउंसलिंग भी करती हैं। उन्होंने कहा, “मैं अब गाँव के लोगों और मरीजों को जागरूक करने का प्रयास करुँगी ताकि वे भी इस बीमारी से छुटकारा पा सकें।”

Ad Image
Ad Image

22 वर्षीय गुलशन विश्वकर्मा, जो शारीरिक रूप से दिव्यांग हैं, ने भी टीबी को हराया। जब मार्च 2023 में उन्हें टीबी का पता चला, तो उनके लिए यह बीमारी एक बड़ी चुनौती बन गई। गुलशन की बहन ने उनकी देखभाल की और समय पर दवा देने के साथ-साथ जांच भी करवाती रहीं। उनके प्रयासों और टीबी चैम्पियन ज्योति सिंह की मदद से गुलशन पूरी तरह स्वस्थ हो गईं। गुलशन ने कहा, “मैं दीदी का धन्यवाद करती हूँ, जिन्होंने मुझे इस मुश्किल वक्त में संभाला। अब मैं गाँव वालों को टीबी के बारे में जागरूक कर रही हूँ।”

Ad Image
Ad Image
Ad Image

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. संदीप चौधरी ने बताया कि टीबी को हराने के लिए दवा का नियमित सेवन और बेहतर पोषण बेहद जरूरी हैं। इससे मृत्यु-दर में कमी लाने और मरीजों को जल्दी स्वस्थ करने में मदद मिलती है। उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी व जिला क्षयरोग अधिकारी डॉ. पीयूष राय ने बताया कि जिले में वर्तमान में 6986 मरीजों का इलाज चल रहा है। साथ ही, 46 ग्राम पंचायतों को टीबी मुक्त घोषित किया जा चुका है। वर्ष 2023 में 13590 पोषण पोटली का वितरण किया गया, और 2639 निक्षय मित्रों ने इस अभियान में सहयोग किया है।

Ad Image
Ad Image
Social Share

You may also like

Leave a Comment