
World Yoga Day : 95 बटालियन CRPF के जवानों ने किया योगाभ्यास, योगाचार्य ने बताया योगासन का लाभ




वाराणसी , भदैनी मिरर। 11वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर शनिवार सुबह 95 बटालियन केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के पहड़िया स्थित मुख्यालय में एक भव्य योग कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस वर्ष की थीम "एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य के लिए योग" को आत्मसात करते हुए बटालियन के 250 से अधिक जवानों और अधिकारियों ने योगाभ्यास किया।


कार्यक्रम का उद्देश्य जनसामान्य तक योग का संदेश पहुंचाना और उन्हें स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करना था। योग सत्र भारत सरकार के आयुष मंत्रालय द्वारा निर्धारित योग प्रोटोकॉल के तहत संपन्न हुआ।
प्रमुख योगाचार्यों ने कराया अभ्यास
कार्यक्रम में कानपुर से वरिष्ठ योगाचार्य गौरी शंकर कोस्टा और वाराणसी के प्रसिद्ध योगाचार्य प्रकाश नाथ 'योगेश्वर योगी' ने योगासन कराए और उनके लाभ बताए। उन्होंने ताड़ासन, ध्रुवासन, भ्रामरी प्राणायाम और अनुलोम-विलोम जैसे योगाभ्यासों से शरीर और मन को स्वस्थ रखने के तरीके समझाए।


सम्मान समारोह भी रहा आकर्षण का केंद्र
कार्यक्रम की शुरुआत में कमांडेंट राजेश्वर बालापुरकर ने योगाचार्य गौरी शंकर कोस्टा और योगेश्वर योगी को उनके योग योगदान के लिए सम्मानित किया। योगेश्वर योगी को पिछले 13 वर्षों से सीआरपीएफ जवानों को योग प्रशिक्षण देने के लिए विशेष धन्यवाद भी दिया गया।
इसके साथ ही साधक चंदन विश्वकर्मा, सुशीला, और खबरिया चैनल प्रतिनिधियों को भी स्मृति चिह्न एवं अंगवस्त्र भेंट कर सम्मानित किया गया।

आम जनता की भी भागीदारी
इस कार्यक्रम में न सिर्फ जवानों और अधिकारियों ने भाग लिया, बल्कि आम नागरिकों ने भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। कार्यक्रम में 95 बटालियन की अधिकारी अर्चना बालापुरकर, सुनीता देवी, द्वितीय कमान अधिकारी राजेश कुमार सिंह, उप कमांडेंट प्रदीप सिंह शेखावत, सहायक कमांडेंट अभिषेक सिंह, निरीक्षक परविंदर प्रसाद, और अन्य प्रमुख अधिकारी उपस्थित रहे।
काल भैरव मंदिर परिवार की ओर से भी कई विशिष्ट लोगों को अंगवस्त्र देकर सम्मानित किया गया, जिनमें अर्चना बालापुरकर, राजेश कुमार, आलोक कुमार, रिंकू, प्रिंस सिंह, सुनील गुप्ता, प्रवीण सिंह आदि शामिल रहे।
योगा टी-शर्ट की भेंट
कार्यक्रम के अंत में 95 बटालियन की ओर से सभी प्रतिभागियों को योगा टी-शर्ट सप्रेम भेंट की गई। धन्यवाद ज्ञापन कमांडेंट आर. एस. बालापुरकर द्वारा किया गया।

