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World Environment Day 2025 : समाजिक संगठन ने निकाला 'पेड़ों का चीत्कार मार्च', लोगों से लगाई वृक्षों के संरक्षण की गुहार

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वाराणसी, भदैनी मिरर। विश्व पर्यावरण दिवस (World Environment Day 2025) के अवसर पर विशाल भारत संस्थान ने एक अनूठी पहल के तहत वृक्षों के दर्द को आवाज़ देने के लिए "वृक्ष चीत्कार मार्च" का आयोजन किया। इस प्रतीकात्मक प्रदर्शन में पेड़ों को मानवीय रूप में प्रस्तुत कर उनके अधिकारों और अस्तित्व की रक्षा की गुहार लगाई गई।

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मार्च का मुख्य संदेश था- "आज तुम मुझे बचाओ, जीवन भर हम तुम्हें बचाएंगे, "तुम मुझे जीवन दो, हम तुम्हें सांसों का उपहार देंगे"

मार्च के माध्यम से यह संदेश दिया गया कि जब इंसान अपने अधिकारों के लिए सड़कों पर उतर सकता है, तो वर्षों से अत्याचार झेल रहे वृक्षों को भी अपनी आवाज़ उठाने का हक है। इंसानी लालच और शहरीकरण की मार से जंगल उजड़ रहे हैं और वृक्षों का अस्तित्व संकट में है।

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वृक्षों के नवनिर्वाचित अध्यक्ष पीपल पाण्डेय ने कहा कि “हम धरती पर आये ही हैं दूसरों के जीवन को बचाने के लिए। ऑक्सीजन न दें तो इंसान सांस न ले पाए। एक इंसान को जीवन भर में करोड़ों रूपये का ऑक्सीजन देते हैं, फिर भी हमें काट दिया जा रहा है। इन्हीं इंसानों के पूर्वज हमारी पूजा करते थे, जब तक हम पूजे गए, तब तक ऑक्सीजन के लिए पैसा नहीं देना पड़ा। बंद करो आरी का वार, नहीं सहेंगे अत्याचार। कटहल गुप्ता, बरगद सिंह, जामुन चौबे ने कहा कि अब जंगल खत्म कर रहे हो तो गांवों और मुहल्लों में तो रहने दो।

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इस अवसर पर विशाल भारत संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ राजीव गुरु ने कहा कि वृक्ष यूनियन के माध्यम से वृक्षों के दर्द को उजागर किया जाएगा। ये पेड़ पौधे हमारे परिवार और जीवन का हिस्सा हैं। इनको अलग करना मतलब अपने जिंदगी से खिलवाड़ करना है। पौधा न लगाओ लेकिन काटो तो मत। पूर्वजों के रास्तों पर चलकर हम पृथ्वी और पर्यावरण की रक्षा कर सकते है।

विशाल भारत संस्थान की राष्ट्रीय महासचिव डॉ अर्चना भारतवंशी ने कहा कि वृक्ष अपने होने का एहसास करा रहे हैं। वृक्ष से मानव जीवन बचा है। इनको भी अपने परिवार का हिस्सा बनाये।

मार्च में डॉ नजमा परवीन, ज्ञान प्रकाश, सत्यम राय, संजय भारद्वाज, अमित राजभर, सत्यम सिंह, अंकित राय, रीता, माया, पार्वती, लक्ष्मीना, मैना, सुनीता, अर्चना, धनेसरा, ममता, सरोज, अंजू, विद्या, इली भारतवंशी, उजाला भारतवंशी, दक्षिता भारतवंशी, पौरवी, शिखा, रिया, आकांक्षा आदि लोग शामिल हुए।

 

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