होलिका दहन के साथ ही काशी में चढ़ा फाग का रंग, गूंजने लगा जोगीरा सारारारारा...
पूरे जनपद में 2468 स्थानों पर लगा होलिका में आग


Mar 14, 2025, 00:01 IST


1. शुक्रवार सुबह श्री काशी विश्वनाथ तो शाम चौसट्ठी देवी को अर्पित करेंगे गुलाल
2. भद्रा काल के बाद होलिका में प्रज्वलित की गई अग्नि
3. 14 मार्च को समाप्त हो जाएगा होलाष्टक
वाराणसी, भदैनी मिरर। होलिका दहन के साथ ही काशी में फागोत्सव का श्री गणेश हो गया. काशी के घरों से लेकर घाट तक अबीर-गुलाल की मस्ती छा गई. पूरे कमिश्नरेट में 2468 स्थान पर होलिका जलाई गई. होलिका दहन को लेकर जिला मुख्यालय से अफसर मॉनिटरिंग करते रहे. वरुणा जोन में सबसे ज्यादा 939 होलिका, सबसे कम 734 होलिका काशी जोन में और गोमती जोन में 794 होलिका जलाई गई. पूरे कमिश्नरेट के 54 स्थानों की होलिका संवेदनशील के रुप में चिन्हित थी. शुक्रवार सुबह काशीवासी बाबा श्री काशी विश्वनाथ और शाम को माता चौसट्ठी देवी को गुलाल अर्पित करके धूलिवंदन करेंगे.


रविवार को सुबह से ही होलिकाओं के पूजन का सिलसिला शुरू हो गया. 13 मार्च को भद्रा 10:37 बजे तक रहने से उसके बाद होलिका दहन की गई. शाम ढलने के साथ ही हुरियारों की टोली गलियों में निकल पड़ी. जोगीरा सारारारारा... की धुन और ढोलक की थाप पर हुरियारों की टोलियों ने घूम-घूमकर पहले होली गाई. मुहूर्त काल और उसके बाद भी ढोल-नगाड़ों की थाप, हर-हर महादेव के उद्घोष के बीच होलिका में भद्रा काल के बाद अग्नि प्रज्ज्वलित की गई. इसके बाद किशोर-युवाओं का हुजुम 'जोगी रा, सर रर... गाते-बोलते हुए शरारती मूड में आ गया.



बता दें, 14 मार्च की शाम काशी में 64 योगिनियों के यात्रा दर्शन का विधान है. इस बार होली पर 14 मार्च को सूर्यदेव का कुंभ राशि से मीन राशि में प्रवेश रात्रि 9:24 बजे होगा. इसके साथ ही होलिका के आठ दिन पूर्व लगने वाला होलाष्टक भी समाप्त होगा.



