
जब उजाड़ना ही था तो बसाया क्यों...नाइट मार्केट प्रोजेक्ट पर अजय राय का बड़ा हमला, मोदी-योगी सरकार पर लगाए कई गंभीर आरोप




वाराणसी, भदैनी मिरर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में शुरू किया गया "नाइट मार्केट प्रोजेक्ट" अब विवादों में घिरता जा रहा है। उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने इस योजना को लेकर मोदी-योगी सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि “नाइट मार्केट योजना के नाम पर काशी की जनता के साथ छल और धोखा किया गया है।”


क्या था नाइट मार्केट प्रोजेक्ट?
करीब 11 करोड़ रुपये की लागत से शुरू किए गए इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य चौकाघाट से लहरतारा फ्लाईओवर के नीचे डेढ़ किलोमीटर क्षेत्र में स्थानीय ठेला-पटरी दुकानदारों और छोटे व्यापारियों को रोजगार देना था। 83 गोमटियों (स्टॉल), सुंदर पाथवे, रंगीन लाइटिंग, और सजावट इस योजना का हिस्सा थे। इसे प्रधानमंत्री का "ड्रीम प्रोजेक्ट" बताया गया था।


अब क्यों उठ रहा है सवाल?
मात्र दो साल बाद ही यह प्रोजेक्ट अब खत्म होने की कगार पर है। दुकानदारों को हटाने की प्रक्रिया तेज़ हो गई है। न तो इन्हें वैकल्पिक जगह दी जा रही है, न मुआवज़ा और न ही कोई पुनर्वास योजना।
अजय राय का आरोप
प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने कहा, “जब उजाड़ना ही था तो बसाया ही क्यों गया? मोदी और योगी सरकार ने गरीब दुकानदारों को रोजगार देने का सपना दिखाकर अब बेरोजगारी में धकेल दिया है। उन्होंने दावा किया कि 11 करोड़ की परियोजना में केवल 5-6 करोड़ रुपये ही काम पर खर्च हुए, शेष राशि कथित रूप से कमीशनखोरी की भेंट चढ़ गई।”

10 करोड़ की नई योजना पर भी उठाया सवाल
अब चर्चा है कि उसी जगह 10 करोड़ रुपये की लागत से एक नया सौंदर्यीकरण प्रोजेक्ट शुरू किया जाएगा, जिसमें पर्यटकों के बैठने की व्यवस्था और सजावट की जाएगी। इस पर राय ने तंज कसते हुए कहा, “जब पुरानी योजना सफल नहीं हो पाई, तो नई योजना किस भरोसे पर शुरू की जा रही है? क्या गरीबों का रोजगार छीनकर पर्यटकों के लिए सजावट करना सही है?”
स्थानीय प्रतिनिधियों पर भी सवाल
अजय राय ने स्थानीय विधायकों और मंत्रियों पर भी निशाना साधते हुए कहा कि जब उनकी सुनवाई तक नहीं हो रही है तो उन्हें इस्तीफा देकर जनता के सामने स्वीकार करना चाहिए कि वे जनप्रतिनिधि बनने के योग्य नहीं हैं।
मांग की गई निष्पक्ष जांच
कांग्रेस पार्टी की ओर से मांग की गई है कि नाइट मार्केट प्रोजेक्ट की निष्पक्ष जांच कराई जाए और यह पता लगाया जाए कि 11 करोड़ रुपये कहां खर्च हुए। साथ ही हटाए गए दुकानदारों को पुनर्वास और रोजगार देने की मांग भी की गई है।
सीधे प्रधानमंत्री से वार्ता की मांग
अजय राय ने प्रधानमंत्री से अपील की कि वह काशी के सांसद होने के नाते स्वयं पीड़ित दुकानदारों से बात करें और उन्हें रोजगार के साथ पुनर्वास प्रदान करें।

