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“विकसित कृषि संकल्प अभियान“ 50 वैज्ञानिकों की 16 टीमों ने 11 दिन किया काम

भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान (आईआईवीआर) की टीमें छह जिलों के 44 हजार किसानों तक पहुंचीं

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उन्नत और प्राकृतिक खेती आदि के बताए गुर, किसानों ने वैज्ञानिकों को बताईं अपनी चुनौतियां

वाराणसी, भदैनी मिरर। कृषि मंत्रालय द्वारा किसान कल्याण के लिए चलाये जा रहे देशव्यापी कार्यक्रम “विकसित कृषि संकल्प अभियान 2025“ में भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान की ओर से संचालित कार्यक्रमों ने 11 दिनों (29 मई से 8 जून) में उत्तर प्रदेश के 6 जिलों में अभूतपूर्व सफलता हासिल की। यह दावा अभियान की समाप्ति के बाद सोमवार को प्रेस कांफ्रेंस में किया गया। बताया गया कि अभियान के दौरान आईआईवीआर के 50 से अधिक वैज्ञानिकों की 18 विशेषज्ञ टीमों ने कृषि विज्ञान केंद्र के विशेषज्ञों एवं राज्य सरकार के कृषि विभाग के अधिकारियों के साथ मिलकर वाराणसी, चंदौली, मिर्जापुर, सोनभद्र, संत रविदासनगर और कुशीनगर जिलों के 44,000 से अधिक किसानों से संवाद स्थापित किया। प्रतिदिन औसतन 4,400 से अधिक किसानों तक पहुंच के साथ यह अभियान कृषि विस्तार के क्षेत्र में एक नया मानदंड है।

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IIVR

अभियान में 36 प्रतिशत महिला सहभागिता रही, जो ग्रामीण महिलाओं के कृषि क्षेत्र में बढ़ते योगदान को दर्शाती है। प्रतिदिन 54 किसान संवाद कार्यक्रमों के माध्यम से 15 से अधिक ब्लॉकों के 65 से अधिक गांवों में धान की सीधी बुआई (DCR), IIVR की उच्च उत्पादन किस्में, एकीकृत कीट प्रबंधन, प्राकृतिक खेती, नैनो उर्वरक तकनीक, संरक्षित खेती, मूल्य संवर्धन, किचन गार्डनिंग, मशरूम खेती, मधुमक्खी पालन और ड्रोन तकनीक पर व्यापक प्रशिक्षण दिया गया। राष्ट्रीय प्राकृतिक कृषि मिशन के साथ तालमेल बैठाते हुए जैविक कीट नियंत्रण और रासायनिक निर्भरता कम करने पर विशेष जोर दिया गया।

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इस दौरान किसानों की चुनौतियों से भी दो-चार होना पड़ा। इन मुख्य चुनौतियों में नीलगाय सहित वन्यजीवों से फसल सुरक्षा, जल संकट, सफेद मक्खी एवं जैसिड जैसे कीटों का प्रबंधन, बाजार पहुंच की कमी, गुणवत्तापूर्ण बीज की देर से आपूर्ति और सरकारी योजनाओं की जानकारी का अभाव है। इन समस्याओं के तत्काल समाधान हेतु अल्पकालिक योजना में जैविक कीट नियंत्रण, फेरोमोन ट्रैप का व्यापक प्रयोग, ड्रिप एवं स्प्रिंकलर सिंचाई को बढ़ावा, और प्रत्येक जिले में किसान उत्पादक संगठन (FPO) गठन शामिल है। मध्यकालिक योजना में सभी 6 जिलों में क्षेत्रीय उत्कृष्टता केंद्र स्थापना, मोबाइल मिट्टी परीक्षण प्रयोगशाला और 1000 से अधिक प्रगतिशील किसानों को कृषि उद्यमी बनाने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

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यह अभियान किसान आय दोगुनी करने, टिकाऊ कृषि, महिला सशक्तिकरण, तकनीक हस्तांतरण और जलवायु लचीली कृषि की दृष्टि के पूर्णतः अनुरूप है। आईआईवीआर की दीर्घकालिक प्रतिबद्धता में राज्य सरकार के सहयोग से खाद्य प्रसंस्करण उद्योग समूह स्थापित करना, 10,000 से अधिक ग्रामीण युवाओं के लिए रोजगार के अवसर सृजित करना और कार्बन-तटस्थ कृषि की दिशा में कार्य करना शामिल है। 

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