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सतर्कता केवल नियंत्रण का माध्यम नहीं, संस्थागत प्रगति की नींव- अंकुर चंद्रा 

IIT-BHU में आयोजित हुआ “सतर्कता : हमारी साझा जिम्मेदारी” पर व्याख्यान 

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हर कर्मचारी अपनी जिम्मेदारी ईमानदारी से निभाये तो स्वतः समाप्त हो जायेगा भ्रष्टाचार

वाराणसी, भदैनी मिरर। केंद्रीय सतर्कता आयोग के निर्देश पर निवारक सतर्कता अभियान के तहत भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (काशी हिन्दू विश्वविद्यालय) में जागरूकता व्याख्यान का आयोजन शुक्रवार को एबीएलटी-4 में किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य संस्थान के संकाय सदस्यों एवं कर्मचारियों में सतर्कता, पारदर्शिता और निष्ठा की भावना को सुदृढ़ करना था।

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कार्यक्रम में मुख्य वक्ता बनारस रेल इंजन कारखाना के मुख्य सतर्कता अधिकारी अंकुर चंद्रा ने “सतर्कताः हमारी साझा जिम्मेदारी” विषय पर व्याख्यान दिया। उन्होंने कहाकि सतर्कता केवल नियंत्रण का माध्यम नहीं, बल्कि सुशासन और संस्थागत प्रगति की नींव है। प्रत्येक कर्मचारी यदि अपनी जिम्मेदारी को ईमानदारी से निभाए, तो भ्रष्टाचार स्वतः समाप्त हो सकता है। उन्होंने व्याख्यान के दौरान सतर्कता के प्रमुख फोकस क्षेत्रों, लंबित शिकायतों एवं मामलों के निस्तारण, क्षमता निर्माण कार्यक्रम, परिसंपत्ति प्रबंधन और डिजिटल पहलों पर प्रकाश डाला। बताया कि इन क्षेत्रों में सुधार से संस्थागत पारदर्शिता और जवाबदेही को और सशक्त किया जा सकता है। स्वागत संबोधन में संयुक्त कुलसचिव डॉ. सर्वेश कुमार तिवारी ने किया। 

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अध्यक्षीय संबोधन में कुलसचिव सुमित कुमार बिस्वास ने कहा कि सतर्कता का अर्थ केवल निगरानी नहीं, बल्कि स्वयं के आचरण में नैतिकता लाना है। आईआईटी (बीएचयू) सदैव ‘शुचिता और उत्तरदायित्व’ के सिद्धांतों पर कार्य करता रहा है। उन्होंने मुख्य वक्ता को स्मृति-चिह्न प्रदान किया। संचालन गोपनीय इकाई के कनिक्ष्ठ अधीक्षक रवि गंर्ग ने और धन्यवाद ज्ञापन सहायक कुलसचिव प्रज्ञा जुनेजा ने किया। इस अवसर पर संयुक्त कुलसचिव स्वाति बिस्वास, उप कुलसचिव डॉ. देवेंद्र कुमार, सहायक कुलसचिव रवि कुमार, सुधांशु शुक्ला, प्रदीप दुबे एवं संस्थान के विभिन्न विभागों के संकाय सदस्य, अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे। व्याख्यान के दौरान प्रतिभागियों ने सक्रिय रूप से प्रश्न पूछे और अपने विचार साझा किए। 

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