
Varanasi: छितौना में सुभासपा का हंगामा, बूथ अध्यक्ष के घर को घेरा
भाजपा के बूथ अध्यक्ष संजय सिंह के घर तक किया मार्च




वाराणसी, भदैनी मिरर। चौबेपुर थाना क्षेत्र के छितौना गांव में पांच जुलाई को शुरू हुआ जातीय विवाद अब पूरी तरह से राजनीतिक दंगल में बदल गया है। भाजपा और सरकार में उसकी सहयोगी सुभासपा (सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी) अब आमने-सामने आ गई हैं। इस विवाद में एक पक्ष भाजपा के बूथ अध्यक्ष संजय सिंह का है तो दूसरा पक्ष सुभासपा समर्थित छोटू राजभर का।


वारदात के सात दिन बाद शनिवार को सुभासपा के राष्ट्रीय महासचिव डॉ. अरविंद राजभर 12 जिलों से आए 250 से अधिक कार्यकर्ताओं के साथ गांव पहुंचे और संजय सिंह के घर तक मार्च करते हुए जोरदार प्रदर्शन और नारेबाजी की। स्थिति तनावपूर्ण होते देख PAC, QRT और स्थानीय पुलिस को तैनात किया गया, जिनकी मौजूदगी में हालात को किसी तरह काबू में किया गया।


राजनीतिक टकराव की पृष्ठभूमि
छोटू राजभर और संजय सिंह के बीच 5 जुलाई को हुए विवाद में पहले भाजपा मंत्री अनिल राजभर ने हस्तक्षेप करते हुए पुलिस पर संजय सिंह के खिलाफ केस दर्ज कराने का दबाव डाला। इसके बाद भाजपा कार्यकर्ता भी सड़क पर उतर आए और खुद अपनी ही सरकार के मंत्री के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। घटना में घायल छोटे राजभर के पक्ष में सुभासपा उतर आई और जातीय संघर्ष को राजनीतिक समर्थन देने लगी। पार्टी ने सभी घायलों को सहायता राशि भी मुहैया कराई।

सुभासपा महासचिव का बड़ा बयान
सुभासपा महासचिव डॉ. अरविंद राजभर ने कहा: "यह केवल छोटू राजभर की नहीं, पूरे समाज की लड़ाई है। अगर न्याय में देरी हुई, तो हम सड़क से लेकर संसद तक आंदोलन करेंगे।" उन्होंने बीएचयू ट्रॉमा सेंटर जाकर सभी घायलों से मुलाकात की और राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर की ओर से गंभीर घायलों को 1-1 लाख और अन्य को 15-15 हजार की आर्थिक सहायता दी।
राजनीतिक दलों की प्रतिक्रियाएं
पूर्व सांसद राम किशुन यादव (सपा) ने कहा कि जब सरकार में सुभासपा शामिल है, तो पार्टी को प्रदर्शन की जगह मामले को सुलझाना चाहिए था।
मामले में अब तक क्या हुआ
* भाजपा के संजय सिंह और सुभासपा के छोटू राजभर दोनों पर केस दर्ज
* विवाद की शुरुआत भाजपा कैबिनेट मंत्री के एकतरफा हस्तक्षेप से
* भाजपा नेताओं का अनिल राजभर के खिलाफ मोर्चा
* अब सुभासपा की एंट्री से मामला जातीय और राजनीतिक दोनों स्तर पर गर्माया
* PAC व पुलिस की निगरानी में गांव में तनावपूर्ण शांति
* दोनों एफआईआर और घटना की निष्पक्ष जांच के लिए SIT का गठन
* तत्कालीन चौबेपुर थानेदार लाइन हाजिर

