 
                                Varanasi Ropeway : काशी में जल्द ही शुरु होगी देश के पहली अर्बन रोपवे, कैंट से गोदौलिया तक पहुंचेगे महज 16 मिनट में
                                                
                                                 
                                                         
                                                
Varanasi Ropeway : काशी नगरी में जल्द ही देश का पहला अर्बन पब्लिक ट्रांसपोर्ट रोपवे शुरू होने जा रहा है। यह परियोजना भारत में अपनी तरह की पहली है और दुनिया में तीसरी, जो बोलीविया और मेक्सिको के बाद वाराणसी में लागू की जा रही है। स्विट्जरलैंड की बर्थोलेट कंपनी द्वारा इस रोपवे का निर्माण किया जा रहा है।




कैंट से गोदौलिया तक महज 16 मिनट में पहुंचेगी ट्रॉली
यह रोपवे वाराणसी कैंट रेलवे स्टेशन से गोदौलिया तक 3.85 किलोमीटर की दूरी महज 16 मिनट में तय करेगा। इस सेवा के तहत लगभग 150 ट्रॉली कारें (गंडोला) संचालित होंगी, जिससे यात्रियों को सुगम और तेज परिवहन सुविधा मिलेगी।
 
 

गंडोला पार्किंग की होगी आधुनिक व्यवस्था
यात्रियों की सेवा के बाद गंडोला ट्रॉलियों को सुरक्षित पार्किंग स्थलों पर रखा जाएगा। इसके लिए कैंट और रथयात्रा स्टेशनों पर आधुनिक केबिन गैरेज बनाए जा रहे हैं। नेशनल हाईवे लॉजिस्टिक्स मैनेजमेंट लिमिटेड (NHLML) के अधिकारियों के अनुसार, दोनों स्टेशनों पर गंडोला पार्किंग की उच्च स्तरीय व्यवस्था होगी।


कैंट और रथयात्रा पर बनेंगे अत्याधुनिक केबिन गैरेज
रोपवे संचालन के बाद गंडोला ट्रॉलियों को सुरक्षित रखने के लिए दो बड़े केबिन गैरेज बनाए जा रहे हैं।
कैंट स्टेशन केबिन गैरेज:
पार्किंग क्षमता: 90 गंडोला
कुल क्षेत्रफल: 1150 स्क्वायर मीटर
रथयात्रा स्टेशन केबिन गैरेज:
पार्किंग क्षमता: 60 गंडोला (जिसमें 2 सर्विस गंडोला शामिल)
कुल क्षेत्रफल: 148 स्क्वायर मीटर
काशी बनेगा रोपवे ट्रांसपोर्ट वाला पहला भारतीय शहर
वाराणसी जल्द ही भारत का पहला शहर बनने जा रहा है, जहां पब्लिक ट्रांसपोर्ट के लिए रोपवे प्रणाली लागू होगी। यह रोपवे आधुनिकता और प्राचीनता को जोड़ने वाला एक अनूठा प्रोजेक्ट साबित होगा। परियोजना के पूरा होने के बाद, शहर में बढ़ते यातायात के दबाव को कम करने में भी मदद मिलेगी।
काशी की यात्रा होगी और आसान
रोपवे सेवा के शुरू होने से श्रद्धालुओं और पर्यटकों को भीड़भाड़ से बचते हुए आसानी से यात्रा करने का अवसर मिलेगा। यह काशी के लिए एक ऐतिहासिक पहल साबित होगी, जो इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक नई पहचान दिलाएगी।


