
Immature FD तोड़ने के लिए भरना होगा यह फॉर्म, जान लें क्यों उठाया गया कदम


वाराणसी। पुलिस आयुक्त कमिश्नरेट वाराणसी मोहित अग्रवाल ने गुरुवार को कैम्प कार्यालय पर विभिन्न बैंकों के अधिकारियों संग बैठक कर साइबर अपराधों से बचाव और ग्राहकों को जागरूक करने के लिए आवश्यक निर्देश दिए।
बैठक में पुलिस आयुक्त ने कहा कि बैंकों को ग्राहकों से एक प्रश्नावली (Questionnaire Form) अनिवार्य रूप से भरवानी होगी। विशेषकर उन ग्राहकों से जिन्होंने बड़े धनराशि की निकासी की हो अथवा अपरिपक्व एफडी (FD) तोड़कर अन्य खातों में धन ट्रांसफर कराया हो। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी ग्राहक साइबर अपराधियों के जाल में न फंसे।



बैठक में दिए गए प्रमुख निर्देश:
1. अपरिपक्व एफडी तोड़ने वाले ग्राहकों को मौखिक रूप से भी साइबर अपराध के प्रति जागरूक किया जाए।
2. किसी भी खाते में धनराशि ट्रांसफर करने से पहले यह जांच की जाए कि उस खाते के विरुद्ध NCRP (National Cyber Crime Reporting Portal) पर कोई शिकायत दर्ज न हो।
3. बैंक अपनी शाखाओं में साइबर जागरूकता से संबंधित फ्लेक्स बोर्ड, स्टैंडी और सूचनात्मक सामग्री अनिवार्य रूप से प्रदर्शित करें।
4. करंट अकाउंट खोलने से पूर्व भौतिक सत्यापन अनिवार्य रूप से किया जाए।
5. यदि साइबर अपराधी गरीब या असहाय व्यक्तियों को लालच देकर म्यूल अकाउंट खुलवाते हैं, तो बैंक तत्काल इसकी सूचना पुलिस को दें।
6. डिजिटल अरेस्ट सहित अन्य साइबर अपराधों से बचाव हेतु ग्राहकों को लगातार जागरूक किया जाए और बैंक स्तर पर सतर्कता एवं निगरानी बढ़ाई जाए।
7. बैंक एंटी मनी लॉन्ड्रिंग (AML) मानकों का पालन करें और STR/SPR/AMR जैसे संदिग्ध लेन-देन की रिपोर्ट समय पर प्रस्तुत करें।
8. इस विषय पर समन्वय बैठक प्रत्येक माह नियमित रूप से आयोजित की जाएगी।


बैठक में उपस्थित अधिकारी:
बैठक में पुलिस उपायुक्त अपराध सरवणन टी, अपर पुलिस उपायुक्त (साइबर अपराध) नीतू, एसीपी (साइबर अपराध) विदुष सक्सेना समेत विभिन्न बैंक अधिकारियों की उपस्थिति रही।
पुलिस आयुक्त ने कहा कि साइबर अपराध रोकथाम के लिए बैंकिंग तंत्र की सक्रिय भागीदारी बेहद जरूरी है। यदि बैंक समय पर सतर्क रहें और ग्राहकों को जागरूक करें तो बड़ी संख्या में होने वाली ऑनलाइन ठगी को रोका जा सकता है।


