
वाराणसी : धोखेबाज नीलगिरी इंफ्रासिटी कंपनी के सीएमडी उसकी पत्नी और मैनेजर गिरफ्तार, एक ही थाने में दर्ज हैं 113 मुकदमे
चेतगंज थाने में विकास सिंह पर 113, पत्नी ऋतु 106 और प्रदीप यादव 107 मुकदमे में है नामजद




कोर्ट से तीनों के खिलाफ जारी हुआ था गैर जमानती वारंट, कचहरी के पास से धराए
चेतगंज, महमूरगंज और लक्सा के रहनेवाले हैं तीनों, गैंगस्टर तक की हो चुकी है कार्रवाई
वाराणसी, भदैनी मिरर। चेतगंज थाने की पुलिस ने धोखाधड़ी के बड़े मामले का पर्दाफाश करते हुए नीलगिरी इंफ्रासिटी कंपनी के सीएमडी विकास सिंह, एमडी रितु सिंह (विकास सिंह की पत्नी) और सीनियर मैनेजर प्रदीप यादव हो गिरफ्तार कर लिया है। यह तीनों गंभीर आर्थिक अपराधी हैं। इन तीनों के धोखाधड़ी के किस्से इतने पुराने हैं कि इनके खिलाफ अबतक अकेले चेतगंज थाने में 113 मुकदमे दर्ज हो चुके हैं। पुलिस ने इन तीनों के खिलाफ कोर्ट से जारी गैर जमानती वारंट जारी होने के बाद गिरफ्तार किया। इन गिरफ्तार लोगों में चेतगंज थाना क्षेत्र के सरायगोवर्धन मोहल्ले के मूल निवासी विकास सिंह, उसकी पत्नी रितु सिंह है। विकास और ऋतु सिंह महमूरगंज में महराज नगर कालोनी में रहते हैं। इसके अलावा तीसरा आरोपित लक्सा थाना क्षेत्र के जद्दूमंडी का प्रदीप यादव है।

पुलिस का कहना है कि मुखबिर की सूचना पर तीनों को कचहरी चौराहे के पास से पकड़ा गया है। पुलिस के अनुसार प्रदीप यादव के खिलाफ चेतगंज थाने में वर्ष 2020 से अबतक कुल 107 मुकदमे दर्ज हैं। उसके खिलाफ 2021 में गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई हो चुकी है। जबकि विकास के खिलाफ वर्ष 2018 से अब तक 113 और उसकी पत्नी रितु सिंह के खिलाफ वर्ष 2019 से अबतक 106 मुकदमे दर्ज हैं। इनमें सबसे ज्यादा धोखाधड़ी के मुकदमे शामिल हैं। विकास सिंह, रितु सिंह और प्रदीप यादव के खिलाफ 2021 में गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई हो चुकी है।


कंपनी ने मलदहिया स्थित इंडियन प्रेस कॉलोनी में दफ्तर खोलकर नीलगिरी इंफ्रासिटी के नाम पर लोगों को सस्ते दामों में प्लॉट देने, विदेश यात्रा पैकेज, और कार देने जैसे लालच देकर बड़े पैमाने पर निवेश कराया। इस झांसे में आकर वाराणसी सहित पूर्वांचल के कई जिलों और बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश जैसे राज्यों के सैकड़ों लोग प्रभावित हुए। नीलगिरी इंफ्रासिटी ने लोगों को जमीन खरीदने का सुनहरा सपना दिखाया और धोखाधड़ी की। कंपनी ने शुरुआत में कुछ लोगों को भुगतान कर विश्वास हासिल किया, लेकिन जैसे-जैसे मामला बढ़ा, हजारों लोगों के पैसे डूबते चले गए। गौरतलब है कि तीनों आरोपितों की साल 2021 में भी गिरफ्तारी हुई थी। सुप्रीम कोर्ट से इन्हें इस शर्त पर जमानत मिली थी कि वे निवेशकों का पैसा लौटाएंगे। कुछ धनराशि लौटाई भी गई, लेकिन इसके बाद नए पीड़ित सामने आए और फिर से मुकदमे दर्ज होने लगे। अब दोबारा गिरफ्तारी के बाद निवेशकों को उम्मीद जगी है कि उनका डूबा धन उन्हें मिल जाएगा।

गिरफ्तार करनेवाली पुलिस टीम
इन्हें गिरफ्तार करनेवाली पुलिस टीम में प्रभारी निरीक्षक दिलीप कुमार मिश्रा, एसआई रवि सिंह, महिला एसआई आदर्शिका, हेड कांस्टेबल भरत यादव, कमलेश यादव, कांस्टेबल रितिक राज, सूरज कन्नौजिया रहे।

