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वाराणसी : वकील और दरोगा विवाद की मजिस्ट्रीयल जांच शुरू, 10 से 24 अक्टूबर तक दे सकते हैं साक्ष्य

पिछले दिनों बड़गांव थाने के दरोगा को वकीलों ने कचहरी में दौड़ा-दौड़ाकर पीटा था

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बड़ागांव थाने में वकील को हिरासत में लेकर दुर्व्यवहार के कारण हुआ था बवाल

वाराणसी, भदैनी मिरर। बड़ागांव ओर कचहरी परिसर में गत दिनों पुलिस एवं अधिवक्ता विवाद और हंगामें की मजिस्ट्रीयल जांच शुरू हो गई है। घटना से सम्बन्धित कोई भी जानकारी/साक्ष्य, लिखित/मौखिक रूप से 10 से 24 अक्टूबर के मध्य कलेक्ट्रेट स्थित एडीएम सिटी के कार्यालय में प्रस्तुत किया जा सकता है।

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जिला मजिस्ट्रेट सत्येंद्र कुमार ने बड़ागांव थाना क्षेत्र में 14 सितम्बर को एवं कचहरी परिसर में दिनांक 16 सितम्बर को पुलिस एवं अधिवक्तागण के मध्य हुए विवाद, मारपीट और हंगामे की मजिस्ट्रीयल जांच के लिए अपर जिला मजिस्ट्रेट (नगर) को जांच अधिकारी नामित किया है। इस मामले में जांच अधिकारी/अपर जिला मजिस्ट्रेट (नगर) आलोक कुमार वर्मा ने कहा कि उक्त घटना से सम्बन्धित कोई भी व्यक्ति अपना पक्ष लिखित/मौखिक रूप से प्रस्तुत करना चाहता है तो वह 10 से 24 अक्टूबर के मध्य कलेक्ट्रेट स्थित उनके कार्यालय में किसी भी कार्य दिवस की कार्यावधि में उपस्थित होकर अपना लिखित/मौखिक पक्ष/अभिलेख प्रस्तुत कर सकता है।

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गौरतलब है कि पिछले दिनों कचहरी परिसर में मंगलवार को वकीलों ने सब-इंस्पेक्टर मिथिलेश प्रजापति को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा था। इस घटना के तीन दिन पहले उस दारोगा का एक वकील से विवाद हुआ था। उसी रंजिश में इस घटना को अंजाम दिया गया। वाराणसी में बड़ागांव थाने के दारोगा मिथिलेश प्रजापति और एक सिपाही कचहरी में गो अधिनियम का रिमांड पर्चा लेने गए थे तभी यह घटना हुई थी। वकीलों के एक समूह ने बड़ागांव थाने के दरोगा मिथलेश को पीटा था। पिटाई का कारण एक पुराना जमीनी विवाद था, जिसमें दारोगा मिथिलेश प्रजापति ने एक वकील को हिरासत में लेकर उनके साथ दुर्व्यवहार किया था।  

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